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दरभंगा जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने की प्रेस ब्रीफिंग

दरभंगा। लोकसभा आम निर्वाचन, 2024 अधिसूचना जारी होने के अवसर पर जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिलाधिकारी राजीव रौशन एवं नगर पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य की संयुक्त अध्यक्षता में संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया।

जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने संवाददाता को संबोधित करते हुए कहा कि आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गया है। उन्होंने कहा कि अधिसूचना की तिथि को ही निर्वाची पदाधिकारी के द्वारा प्रपत्र-01 में पब्लिक नोटिस जारी किया जाना है, अधिसूचना की तिथि को ही 11:00 बजे सुबह से नाम निर्देशन का कार्य प्रारंभ होगा, नाम निर्देशन सार्वजनिक अवकाश को छोड़कर प्रत्येक कार्य दिवस को 11:00 बजे पूर्वाह्न से 3:00 बजे अपराह्न तक किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि नाम निर्देशन के लिए अर्हता भारत का नागरिक, भारत के किसी भी संसदीय क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए, आयु 25 वर्ष, आयु के लिए अहर्ता की तिथि डेट आफ स्क्रुटनी, शपथ प्रतिज्ञान नॉमिनेशन के बाद की अंतिम तिथि तक।‌

निरर्हरता – लाभ का पद धारण करता हो, RP Act 1951 की धारा-8 वर्णित अपराधों के लिए दोषसिद्ध होने पर,भ्रष्ट आचरण, संविदा की तिथि समाप्त होने तक संवेदक, निर्वाचन व्यय विवरणी दाखिला करने में असफल रहने/निर्वाचन व्यय विवरण त्रुटिपूर्ण होने पर प्रपत्र-10A के तहत 3 वर्ष तक निरर्हित किया जाना है।

लोकसभा -25000 रुपये/एस.सी/एस.टी के लिए 12500 रुपये है।प्रस्तावक की संख्या मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल-01 प्रस्तावक संलग्न फार्म-A, गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल- 01 प्रस्तावक, अन्य राज्यों में मान्यता प्राप्त,किंतु बिहार में मान्यता प्राप्त नहीं-10 प्रस्तावक। संवीक्षा के समय कौन उपस्थित रह सकता है अभ्यर्थी, निर्वाचन अभिकर्ता, एक प्रस्तावक, एक व्यक्ति जो अभ्यर्थी द्वारा प्राधिकृत हो।अभ्यर्थीता का वासी प्रपत्र-5 में दाखिल अभ्यर्थी/प्रस्तावक निर्वाचक अभिकर्ता। प्रपत्र-7A तीन श्रेणी में वर्गीकृत मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के अभ्यर्थी, गैर मान्यता प्राप्त प्राधिकृत दलों के अभ्यर्थी/ निर्दलीय उम्मीदवार। प्रपत्र-8 निर्वाचन अभिकर्ता की नियुक्ति हेतु, प्रपत्र-9 में नियुक्ति की प्रति संहरण।

उन्होंने कहा कि पूर्व में यह प्रावधान था की पोलिंग एजेंट उसी मतदान केंद्र अथवा Neighboring Polling Station का इलेक्ट्रोल होना चाहिए था किंतु आयोग ने इस प्रावधान को रिलैक्स किया है, अब पोलिंग एजेंट उसी विधानसभा क्षेत्र का कोई भी निर्वाचक हो सकता है।

केंद्र सरकार में मंत्री, राज्य सरकार में मंत्री, संसद सदस्य, विधानसभा सदस्य अथवा विधान परिषद सदस्य पोलिंग एजेंट नहीं बनाई जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम के मेयर, नगर पालिका, नगर पंचायत, जिला परिषद, पंचायत निकाय के चेयरपर्सन भी पोलिंग एजेंट नहीं बन सकते हैं। सेंट्रल पीएसयू/स्टेट पीएसयूएस सरकारी निकाय अथवा निगमों के चेयरपर्सन। सरकार से किसी प्रकार का मानदेय प्राप्त करने वाले अथवा सरकारी सरकारी मान्यता प्राप्त संस्थानों में पार्ट टाइम जॉब करने वाले व्यक्ति। सरकारी/ सरकारी मान्यता प्राप्त संस्थानों में कार्य स्वास्थ्य कर्मी अथवा पैरामेडिकल स्टाफ,जन वितरण प्रणाली दुकानदार,आंगनबाड़ी कर्मी। सरकारी पदाधिकारी/ कर्मी अन्य कोई व्यक्ति जिन्हें security cover कर प्राप्त हो।

प्रपत्र-10 पोलिंग एजेंट (किसी मतदान केंद्र के लिए एक पोलिंग एजेंट और दो रिलीफ एजेंट किंतु एक समय में एक ही। प्रपत्र-11 में पोलिंग एजेंट की नियुक्ति का प्रतिसंरण,गणन, अभिकर्ता प्रपत्र-18 (14+1=15) वैसे अभ्यर्थी जिनके विरुद्ध आपराधिक मामले या तो लंबित है या ऐसे मामले जिनमें दोष सिद्ध हो गई है, के द्वारा आपराधिक मामलों संबंधी सूचना अभ्यर्थीता वापस की अंतिम तारीख से लेकर मतदान होने की तारीख के दो दिन पहले तक की अवधि में तीन अलग-अलग तारीख में जिले के लिए विहित समाचार पत्रों ,इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशन कराया जाना है।उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में खर्च की सीमा 95 लाख रुपये। सभी अभ्यर्थियों को निर्वाचन व्यय विवरण लेखा संद्यारण करना होता है।

दैनिक व्यय लेखा सफेद (रजिस्टर A), कैश लेखा-गुलाबी (रजिस्टर B), बैंक लेखा (पीला रजिस्टर C) है। नॉमिनेशन के साथ ही साथ व्यय लेखा पंजी का संधारण किया जाएगा।सभी प्रकार के व्यय के लिए वाउचर सलग्न करना आवश्यक है,केवल उन मदों के वाउचर सलग्न नहीं किए जा सकते हैं,जो कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स 1961 के नियम,86(2 ) में सूचीबद्ध है,जैसे डाक व्यय, हवाई यात्रा। यदि इस नियम के द्वारा कोई वाउचर संलग्न नहीं किया जाता है, तो विहित रजिस्टर रजिस्टर में इसका स्पष्टीकरण देना आवश्यक है।अभ्यर्थी/निर्वाचन अभिकर्ता सीधे किया गया व्यय अथवा अन्य के माध्यम से किया गया व्यय, व्यक्तियों के निकायों द्वारा उपगत सभी प्रकार के व्यय को लेखा में संधारित आवश्यक है। इसका एकमात्र अपवाद स्टार प्रचारकों के यात्रा के संबंध में किया व्यय है, इसका विस्तृत उल्लेख निर्वाचन व्यय कम्पेनीड्यम में किया गया है।उपगत व्यय के सभी नगद व्यय और अभ्यर्थी या उसके निर्वाचन अभिकर्ता द्वारा किसी भी स्रोत से प्राप्त सभी वस्तुओं और अन्य प्रकार सेवाओं की कीमत भी शामिल होनी चाहिए। यह रजिस्टर आरपी एक्ट 1951 की धारा 78 के अधीन निर्वाचन व्यय की विवरणी के रूप में जिला निर्वाचन अधिकारी को मूल रूप में सौप जाएगा, इसके साथ ही विहित प्रारूपों में निर्वाचन व्ययों के साथ विवरण और समर्थक शपथ पत्र अवश्य भेजा जाना चाहिए।प्रत्येक अभ्यर्थी का सैपरेट बैंक अकाउंट होना चाहिए। बैंक खाता नया होना चाहिए एवं बैंक खाता नामांकन की तिथि के एक दिन पूर्व तक खुल जाना चाहिए।

अभ्यर्थी/निर्वाचन अभिकर्ता या अभ्यर्थी के पक्ष में किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा किया गया व्यय इसी खाते से निकासी कर किया जाना चाहिए। अभ्यर्थी को अगर नगद चंदा या सहायता राशि प्राप्त होती है तो उसे भी इस खाते में जमा करने के पश्चात ही निकासी कर खर्च करना अनिवार्य है।नॉमिनेशन के बाद से प्रचार अवधि में तीन बार व्यय लेखा पंजी की जाँच करानी होती है।

व्यय लेखा अनुश्रवण दल के सामने व्यय प्रेक्षक, सहायक प्रेक्षक, लेखा टीम के अन्य सदस्य अपना व्यय लेखा पंजी सभी वाउचरों सहित जाँच हेतु उपस्थापित करेंगे। लेखा तथा एब्स्ट्रेक्ट विवरण यदि उनके निर्वाचन अभिकर्ता द्वारा दाखिल किया जाता है तो उसे अभ्यर्थी प्रति हस्ताक्षरित होना चाहिए तथा अभ्यर्थी द्वारा स्वयं अभी प्रमाणित किया जाना चाहिए कि रखे गए लेखा की सही प्रति है,अभ्यर्थी को स्वयं शपथ पत्र पर शपथ लेनी चाहिए।

निर्वाचन परिणाम की घोषणा के उपरांत 30 दिन के अंदर सभी अभ्यर्थियों को व्यय लेखा दाखिल करना होता है।दाखिल नहीं करने अन्यथा त्रुटि पूर्ण रीति से दाखिल करने पर आरपी एक्ट 1951 की धारा-10 ए के तहत निरर्हित घोषित किया जा सकता है।प्रेस नोट के उपरांत आदर्श आचार संहिता लागू, इसके बाद राजनीतिक दलों के लिए, सभा के लिए रैली के लिए,वाहनों के लिए और अस्थाई निर्वाचन कार्यालय के लिए, लाउडस्पीकर के लिए, हेलीकॉप्टर के लिए, हेलीपैड के लिए अनुमति की आवश्यकता होती है।

सिंगल विंडो सिस्टम सुविधा 24 घंटे के अंदर अनुमोदन की सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए 36 घंटे के अंदर आवेदक को अनुमति संसूचित करने के प्रावधान है। विहित प्रपत्र में आवेदन अनिवार्य है,स्थल का अनापत्ति प्रमाण पत्र अनिवार्य है, विहित प्रपत्र में अनुमानित व्यय विवरणी अनिवार्य है, थानाध्यक्ष का अनापति प्रमाण पत्र, अंचलाधिकारी का अनापति प्रमाण पत्र, वीडियो वैन की अनुमति CEO ऑफिस से होनी चाहिए।मोटरसाइकिल पर एक गुना एक/ डेढ़ फीट का एक झंडा अनुमान्य है, झंडे के डंडे की लंबाई 3 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए। रोड शो में मैक्सिमम 10 वाहनों का काफिला और उनके बीच 100 मीटर की दूरी बरकरार रखनी है।रोड शो में वाहन पर कोई बैनर प्रयुक्त नहीं हो सकता है और अस्थाई कार्यालय पर अधिकतम 04 गुना 8 फीट का बैनर हो सकता है।जुलूस में 6 गुना 4 फीट का हैंड हेल्ड बैनर का प्रयोग किया जा सकता है। मतदान केंद्र के 200 मीटर की परिधि में किसी पार्टी का अस्थाई/स्थाई कार्यालय नहीं होना चाहिए।मतदान समाप्त होने के समय से 48 घंटे पूर्व प्रचार प्रसार की समाप्ति। प्रचार अवधि की समाप्ति के उपरांत निर्वाचन क्षेत्र के बाहर पॉलीटिकल फंक्शनएरीज की उपस्थिति पर पाबंदी।

प्रेस नोट जारी होने के साथ ही आरपी एक्ट 1951 की धारा 127 ए के तहत पोस्टर, पम्पलेट मुद्रण के संबंध में विनियमन लागू हो गया है। प्रत्येक मुद्रित पोस्टर, पम्पलेट, बैनर आदि का मुद्रक, प्रकाशन और मुद्रण की संख्या का उल्लेख रहेगा। प्रत्येक पोस्टर, पंपलेट, मुद्रण के संदर्भ में प्रपत्र- (क) एवं (ख) में मुद्रक/ प्रकाशक की घोषणा/ सूचना जिला निर्वाचन पदाधिकारी को देना अपरिहार्य है।एकेडमिक कैलेंडर प्रभावित न हो, स्कूल/कॉलेज प्रबंधन को इस संबंध में कोई आपत्ति न होने संबंधी अनुमति पत्र, ऐसे अनुमति में किसी प्रकार का भेदभाव न हो, फर्स्ट कम, फर्स्ट served बेसिस पर।

प्रचार प्रसार के लिए वाहन का प्रयोग सक्षम प्राधिकार से अनुमति के उपरांत, नाम निर्देशन स्थल के 100 मीटर के परिधि में केवल तीन वाहन अनुमान्य, मतदान के दिन के लिए अलग से वाहन की अनुमति, एक अभ्यर्थी के लिए संपूर्ण संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए, एक निर्वाचन अभिकर्ता के लिए संपूर्ण संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए, प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए कार्यकर्ता के लिए एक-एक, मतदान के लिए एक वाहन पर अधिकतम 04 अर्थात ड्राइवर को मिलाकर कुल पांच व्यक्ति हो सकते हैं।

इंडियन पैनल कोड के तहत निर्वाचन अपराध घुस रिश्वत आदि का प्रलोभन दोषी पाए जाने पर , निर्वाचन में और असयमक असर डालना दोषी पाए जाने पर, निर्वाचन में प्रतिरूपण, निर्वाचन के संबंध में गलत घोषणा, निर्वाचन के संदर्भ में अवैधानिक भुगतान निर्वाचन व्यय लेखा संधारण में विफल रहना, लोक शांति भंग करने के उद्देश्य से कोई ऐसा कार्य जो आम जन में भय उत्पन्न करें अथवा इसके लिए प्रेरित करना इंडियन पैनल कोड के तहत सुसंगत कार्रवाई की जाएगी।

आरपी एक्ट 1951 के तहत Corrupt Practices एवं निर्वाचन अपराध Bribery,Undue infulence, धर्म,जाति आदि के आधार पर वोट की अपील करना,विभिन्न समुदाय के बीच घृणा उत्पन्न करना, सती प्रथा का प्रचार प्रसार, किसी अभ्यर्थी के संबंध में गलत घोषणा, निर्वाचनों को होने के लिए वाहन का प्रयोग करना, सेक्शन 77 के प्रावधानों से अधिक निर्वाचन व्यय, सरकारी सेवकों की सहायता प्राप्त करना,निर्वाचन के संदर्भ में विभिन्न समुदाय के मध्यवैमनस्य उत्पन्न करना, निर्वाचन सभा में डिस्टरबेंस उत्पन्न करना, निर्वाचन कार्य में प्रतिनियुक्ति ऑफिसर द्वारा किसी अभ्यर्थी के पक्ष में अथवा वोटिंग प्रभावित करने का कार्य करना, मतदान केंद्र के निकट प्रचार प्रसार करना, मतदान केंद्र पर गलत आचरण के लिए दंड, निर्वाचन के संदर्भ में प्रदत्त दायित्व का निर्वहन नहीं करना, मतदान केंद्र के निकट/अंदर हथियार लेकर जाना, मतदान केंद्र से बैलेट पेपर लूटना,बूथ कैपचरिंग का अपराध है।

उक्त अवसर पर नगर आयुक्त कुमार गौरव, उप विकास आयुक्त चित्रगुप्त कुमार,अपर समाहर्ता-सह-अपर जिला दंडाधिकारी नीरज कुमार दास, अपर समाहर्त्ता-सह-जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अनिल कुमार, अपर समाहर्त्ता (विधि व्यवस्था) राकेश कुमार रंजन, अपर समाहर्त्ता (विभागीय जाँच) कुमार प्रशांत, उप निदेशक जन-संपर्क सत्येंद्र प्रसाद, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी बालेश्वर प्रसाद, उप निर्वाचन पदाधिकारी सुरेश कुमार, जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी राजीव कुमार झा, आई.टी प्रबंधक संजय कुमार सहनी एवं अन्य पदाधिकारी गण उपस्थित थे।

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