Breaking News

गवर्नर लालजी टंडन का निधन, मेदांता अस्पताल में ली अंतिम सांस

डेस्क : बिहार के पूर्व गवर्नर और मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का आज सुबह निधन हो गया। वे लखनऊ के मेदांता अस्पताल में पिछले तीन महीने से भर्ती थे। वे 85 वर्ष के थे। उनके निधन की जानकारी बेटे आशुतोष टंडन ने ट्वीट कर दी है। टंडन राज्यपाल से पहले लोकसभा में सांसद भी रहे हैं। इसको लेकर सोमवार को मेदांता अस्पताल की तरफ से मेडिकल बुलेटिन भी जारी किया गया था, जिसमें उनकी हालत नाजुक होने की बात कही गई थी।

पुत्र मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया क‍ि अंतिम यात्रा चार बजे गुलाला घाट चौक के लिए प्रस्थान करेगी। अंतिम संस्कार लखनऊ में गुलाला घाट पर 4:30 बजे संपन्न होगा।

कोरोना आपदा के कारण उन्‍होंने लोगों से अपील की है क‍ि शासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अपने-अपने घरों से ही पूज्य बाबूजी को श्रद्धा-सुमन अर्पित करें, जिससे कि सोशल डिसटेंसिंग का पालन हो सके। उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है।

एक परिचय संक्षिप्त में

12 अप्रैल 1935 को लखनऊ में जन्मे लालजी टंडन 1958 में शादी के बंधन में बंध गए। उन्होने स्नातक तक क शिक्षा हासिल की है। उनके पुत्र गोाल जी टंडन इस समय यूपी की योगी सरकार में मंत्री हैं। एमपी के राज्यपाल लालजी टंडन ने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1960 में की थी। टंडन दो बारा पार्षद चुने गए और दो बार विधान परिषद के सदस्य भी रहे। उन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन में भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था। लालजी टंडन को यूपी क राजनीति में कई अहम प्रयोगों के लिए भी जाना जाता है। 90 के दशक में प्रदेश में भाजपा और बसपा की गठबंधन सरकार बनाने में भी उनका अहम योगदान माना जाता है। 

1978 से 1984 और 1990 से 96 तक लालजी टंडन दो बार उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे। 19991 से 92 की यूपी सरकार में वह मंत्री भी बने। इसके बाद लालजी टंडन 1996 से 2009 तक लगातार तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। 1997 में फिर से वह गर विकास मंत्री बने। 

मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने वाले टंडन प्रदेश की बीजेपी सरकारों में कई बार मंत्री भी रहे हैं और अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी के रूप में जाने जाते रहे। इन्होंने वाजपेयी के चुनाव क्षेत्र लखनऊ की कमान संभाली थी और निधन बाद लखनऊ से ही 15वीं लोकसभा के लिए भी चुने गए। लालजी टंडन को 2018 में बिहार का गवर्नर बनाया गया। इसके बाद 2019 में उन्हें मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया।

Check Also

वाचस्पति मिश्र के न्याय दर्शन से मिथिला में बौद्ध दर्शन निष्प्रभावी – शंकर झा

प्रसिद्ध लेखक शंकर झा की कलम से : मिथिला के अद्वैत वेदान्त दर्शन पर बौद्ध दर्शन …

मिथिला विभूति मण्डन मिश्र आदि शंकराचार्य से पराजित नहीं – शंकर झा

प्रसिद्ध लेखक शंकर झा की कलम से : मण्डन मिश्र “पूर्व मीमांसा दर्शन के बड़े प्रसिद्ध …

विद्यापति जैसे महान् भाषाविद् और विद्वान द्वारा वरिष्ठ मैथिल रचनाकारों का पूर्ण सम्मान

डेस्क : विद्यापति संस्कृत विद्वान के परिवार में जन्म लिए थे तथा खुद भी संस्कृत …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *