लखनऊ,ब्यूरो:राज प्रताप सिंह।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर के नाम में रामजी जोड़ने पर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि मैं मराठी हूं और वह भी हैं।हिंदी भाषी राज्यों में उनका नाम गलत तरह से लिखा जाता रहा।
उनके नाम में भीम और राव को दो अलग-अलग शब्दों में लिखा जाता रहा,जबकि भीमराव लिखा जाना चाहिए।बता दें संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ.भीमराव अम्बेडकर का नाम अब यूपी के सभी राजकीय अभिलेखों में डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा जाएगा। सरकार ने बुधवार को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया।
सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने बताया कि राज्यपाल राम नाईक ने सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा था कि उनका नाम गलत लिखा जा रहा है।संविधान की आठवीं अनुसूची की मूल प्रति का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा था कि बाबा साहेब ने अपना नाम डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा है।लिहाजा इसे सही किया जाए।इसे देखते हुए ही अभिलेखों में उनका पूरा नाम लिखने का निर्देश दिया गया है।
दरअसल पिछले साल दिसम्बर में राज्यपाल ने बाबा साहेब का नाम गलत लिखे जाने पर नाराजगी जाहिर की थी।उन्होंने कहा था कि किसी भी व्यक्ति का नाम उसी तरह लिखा जाना चाहिए,जिस प्रकार से वह स्वयं लिखता हो।इस दृष्टि से भारत का संविधान की मूल हिन्दी प्रति के पृष्ठ 254 पर किए गए हस्ताक्षर (भीमराव रामजी आंबेडकर) के अनुसार,बाबा साहब का नाम डॉक्टर ‘भीमराव आंबेडकर’ लिखा जाना उचित होगा न कि डॉ ‘भीम राव आंबेडकर’भीमराव एक शब्द है न कि अलग-अलग गौरतलब है कि आगरा स्थित डॉ.भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के नाम में अंबेडकर की जगह आंबेडकर लिखने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।