लखनऊ (मुकेश कुमार) : उत्तर प्रदेश में भूमाफियाओं के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान हर तहसील में सरकारी और ग्राम समाज की जमीनों पर कब्जे का मामला प्रकाश में आ रहा है।

अब मामला है सरोजनी नगर अंतर्गत ग्राम सभा चंद्रावल मजरा सादुल्ला खेड़ा नहर के पास ग्राम पंचायत की भूमि पर प्रधान व लेखपाल की मिलीभगत से तालाब की जमीन पर अवैध कब्जे का है । जहां पर ग्राम समाज की जमीन पर कब्जे का मामला सामने आया है।
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सूत्रों के मुताबिक ग्राम प्रधान बृजेश यादव एवं प्रॉपर्टी डीलर संजय रावत में सांठगांठ के चलते मोटी रकम लेकर लेखपाल से मिलकर ग्राम समाज की जमीन को हथियाने में कोई कसर नहीं छोड़ी ! आपको बताते चलें कि लखनऊ सरोजनी नगर तहसील के अंतर्गत ग्राम सभा चंद्रावल मजरा सादुल्लाह खेड़ा नहर के पास ग्राम पंचायत की भूमि जिसकी खसरा संख्या 46 है जिसको ग्राम प्रधान व क्षेत्रीय लेखपाल की मिलीभगत के चलते चंद पैसों के खातिर डीलर संजय रावत के नाम बेच दी गई है सूत्रों की मानें तो बृजेश ग्राम प्रधान बृजेश यादव क्षेत्रीय लेखपाल की मिलीभगत के चलते तालाब की जमीन को गलत तरीके से ग्राम प्रधान बृजेश यादव व क्षेत्रीय लेखपाल ने बेच दिया है।अब सवाल इस बात का उठता है कि जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ एंटी भू माफिया पोर्टल के माध्यम से भू माफियाओं से ग्राम समाज की जमीन और गरीब असहाय की जमीनों को कब्जा मुक्त कराने की मुहिम चला रहे हैं वहीं पर ग्राम प्रधान व क्षेत्रीय लेखपाल उनकी इस मंशा को खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं जिसके चलते वह ग्राम समाज की किसी भी जमीन पर भू माफियाओं को कब्जे पर कब्जा दिए जा रहे हैं आखिर कब जागेगा प्रशासन और शासन अगर भू माफिया पोर्टल बनाया गया तो किस लिए बनाया गया क्या इसी लिए बनाया गया है कि भू माफियाओं को और ज्यादा संरक्षण दिया जा सके या फिर इसलिए की इस पोर्टल के द्वारा इन भू माफियाओं पर कश्नी की जा सकती है अगर ऐसा नहीं हो सकता है तो उत्तर प्रदेश के मुखिया को योगी आदित्यनाथ को इस तरीके के पोर्टल को जल्द से जल्द बंद कर देना चाहिए क्योंकि जब उनके द्वारा चलाई जा रही मुहिम का सरोजनी नगर तहसील नियमों का पालन करने में असमर्थ नजर आ रहा है और भू माफियाओं को संरक्षण देते जा रहे है तो क्या फायदा है अब देखने वाली बात यह है कि एसडीएम सरोजनी नगर क्षेत्रीय लेखपाल एवं ग्राम प्रधान पर क्या कार्रवाई करते हैं।