डेस्क : एडीजे कोर्ट झंझारपुर ने समय पर जख्म प्रतिवेदन नहीं देने वाले चिकित्सकों पर लगाम लगानी शुरू कर दी है। मारपीट के एक मामले में जख्मी की इंज्यूरी रिपोर्ट नहीं देने पर डीएमसीएच के अधीक्षक को एडीजे कोर्ट ने शोकॉज किया है। साथ ही सदेह उपस्थित होकर शोकॉज का जवाब देने को कहा है। 20 अगस्त को डीएमसीएच अधीक्षक को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।
- पत्रकार के साथ लहेरियासराय थाना की पुलिस ने किया दुर्व्यवहार, एसएसपी जगुनाथ रेड्डी ने दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई का दिया आदेश
- Meet one of Bihar’s youngest entrepreneur RAJESHWAR RANA
- लॉरेंस बिश्नोई जैसे अपराधियों को संरक्षण दे रहा है केंद्र सरकार – डॉ मुन्ना खान
- मिथिला के चाणक्य होटल मैनेजमेंट कॉलेज को मिला ‘भारत का सर्वश्रेष्ठ होटल मैनेजमेंट कॉलेज 2024’ का सम्मान
- कई सीनियर IAS अधिकारियों का तबादला, यहां देखें पूरी लिस्ट…
मिली जानकारी के मुताबिक मामला भेजा थाना कांड संख्या 54/ 20 से जुड़ा हुआ है। इस मामले में भेजा निवासी सुमिरत मुखिया ने अपने पड़ोसी हरेराम मुखिया व रेखा देवी सहित अन्य को आरोपित करते हुए छह जून 2020 को थाने में मारपीट का मामला दर्ज किया था। दर्ज मामले में आरोपित द्वारा उनके पुत्र को लाठी-डंडे से मारकर जख्मी करने का आरोप है। स्थानीय अस्पताल में इलाज के बाद जख्मी पुत्र का डीएमसीएच में इलाज किया गया। कोर्ट ने इस मामले में भेजा थाने से इंज्यूरी रिपोर्ट की मांग की।
थाने के एएसआई मिथिलेश पासवान ने कोर्ट को लिखित जवाब में कहा कि इंज्यूरी रिपोर्ट के लिए डीएमसीएच को पत्र भेजा गया पर वहां से रिपोर्ट नहीं दी गयी है। इसी पर कार्रवाई करते हुए एडीजे अविनाश कुमार प्रथम के कोर्ट ने डीएमसीएच अधीक्षक को शोकॉज करते हुए आगामी 20 अगस्त को 10.30 बजे कोर्ट में सदेह उपस्थित होकर जवाब देने का आदेश दिया है। बताया गया है कि समय से इंज्यूरी रिपोर्ट नहीं मिलने पर कोर्ट का न्याय कार्य प्रभावित होता है।