झंझारपुर मधुबनी/डॉ संजीव शमा : झंझारपुर नगर पंचायत मुख्यालय से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर कमला नदी के पूर्वी तटबंध के नीचे अवस्थित है वार्ड 11 का जहुरपुर मोहल्ला, जो शहरी क्षेत्र के हर मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। नगर पंचायत का यह मोहल्ला आज भी विकास से काफी दूर है। आज भी यहां सड़क, बिजली, शिक्षा, चिकित्सा सहित बुनियादी सुविधाओं से लोग महरूम है। यहां पेयजल, सड़क एवं शिक्षा की समस्या प्रमुख है। हर साल बाढ़ व सुखाड़ से जूझते यहां के वासियों की कमर टूट गई है। घर में बीमारी हो अथवा किसी की मौत हो गई हो, पढ़ाई हो अथवा शादी व्याह लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है । चुनाव के समय पार्टी के लोगों को वोट की जरूर याद आती है। उन्हें तो बस याद है सिर्फ अपनी पार्टी के नारे और झंडे। चुनावी बिगुल बजते ही हर पार्टी के नेता मोहल्ले में आकर तरह-तरह के प्रलोभन तथा विकास की गंगा बहाने की बात करते हैं। लेकिन चुनाव बीत जाने के बाद वही नेता फिर दुबारा उस मोहल्ले में कभी कदम रखना मुनासिब नहीं समझते हैं।
सरकारी स्तर पर नहीं है कोई सुविधा:
सरकारी स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं रहने से मोहल्ले का समुचित विकास नहीं हो पाया है । लोगों में प्रशासन व जन प्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश है। लोगों का कहना है कि अपने स्तर पर पीने के पानी के लिए गांव में चापाकल लगाया गया है । मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना का यहां नामोनिशान नहीं है ।
शिक्षा का घोर अभाव :
शिक्षा के नाम पर मोहल्ले में दीनी तालीम को लेकर अपने स्तर से मो.जहुर के प्रयास से एक मदरसा संचालित है जिसमें 30 बच्चे तालीम हासिल कर रहे हैं । यहाँ के बच्चों को समुचित शिक्षा का घोर अभाव है । मोहल्ले के लोगों का कहना है कि नगर पंचायत मुख्यालय की सड़क तक पहुंचने के लिए कोई सड़क नहीं है । लोगों के निजी जमीन होकर बगीचे से गुजरना पड़ता है । नतीजतन वारिस के मौसम में आने-जाने में कठिनाई होती है। मो.जहुर बताते हैं कि स्थानीय विधायक गुलाब यादव के प्रयास से बिजली का खंभा तो विभाग ने लगाया परन्तु बिजली चालू नहीं की गई है । आज भी सुशासन की सरकार में गांव के लोग लालटेन,ढिबरी भी नहीं जला पाते। चूंकि नगर पंचायत में मिट्टी तेल मिलना बंद हो गया। मोमबत्ती और टाॅर्च के सहारे रात बिताना पड़ता है। इस वजह से यहां के बच्चों को पढ़ने में काफी परेशानी हो रही है। यहां के वार्ड सदस्य कुमरकान्त पासवान पर आक्रोश करते हुए कहा कि चुनाव जीतने के बाद वार्ड पार्षद एवं नपं के मुख्य पार्षद ने एक बार भी उनके मोहल्ले का भ्रमण नहीं किया। स्थानीय लोगों ने बताया कि सरकारी आवास योजना, केसीसी ऋण,डीजल अनुदान, पेंशन योजना, पारिवारिक लाभ सहित तमाम सरकारी लाभकारी योजनाओं का कोई लाभ आज तक नहीं दिया गया है। मोहल्ले में कोई बीमार हो जाए तो सड़क के अभाव में अस्पताल तक पहुंचना एक चुनौती भरा कदम होता है । मोहल्ले के अधिकांश लोग सामान्य स्तर से भी नीचे की जिदगी गुजारने को मजबूर हैं। रोजी-रोजगार के लिए लोग पलायन को मजबूर हैं। ग्रामीण सहित अन्य लोगों ने कई बार नपं के कार्यालय से मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने की गुहार लगाई है।
क्या कहते हैं मुख्य पार्षद :
मोहल्ले के संबंध में पूछने पर मुख्य पार्षद बीरेन्द्र नारायण भंडारी ने कहा कि नया मोहल्ला बसा है। बिजली की खंभा लगाई गयी है। नगर पंचायत प्रशासन की नजर जहुरपुर मोहल्ला पर है। शीघ्र ही सरकार के सात निश्चय योजना के तहत विकास का कार्य किया जाएगा।