डेस्क : राज्य में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर हालात का जायजा लेने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के नेतृत्व में एक टीम बिहार पहुंचीं। केंद्रीय टीम ने बिहार के स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों के साथ बैठक की। केंद्रीय टीम ने सुझाव दिया कि वर्तमान हालात से निपटने के लिए कोरोना की जांच के तरीके में बदलाव लाया जाए। इसके बिना हालात में परिवर्तन लाना मुश्किल है। करीब तीन घंटे तक चली बैठक में केंद्रीय टीम ने राज्य में जांच और इलाज को लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली। इसके बाद संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा किये गए उपायों की जानकारी भी ली।
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केंद्रीय टीम ने बैठक में ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट पर जोर दिया। कहा कि पहले संक्रमित को चिन्हित कर अलग करें, तभी संक्रमण का चेन टूटेगा और रिकवरी रेट में बढ़ोतरी होगी। दिल्ली और महाराष्ट्र ने इसी के आधार पर संक्रमण से मुकाबला किया है और बेहतर परिणाम आये हैं। बिहार की जो वर्तमान स्थिति है वह पहले इन दोनों राज्यों में थी। बैठक में केंद्रीय टीम ने माना कि बिहार में अभी संक्रमण के कम्युनिटी ट्रांसफर की स्थिति नहीं है। बिहार में जांच के तरीके को बदलकर इसकी संख्या बढ़ानी होगी। संक्रमितों को अलग करने के साथ इलाज की सुविधा मुहैया करानी होगी। तभी संक्रमण की स्थिति में परिवर्तन होगा। केंद्रीय टीम ने बिहार में कोरोना से बचाव को लेकर हर प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं को मुहैया कराने को लेकर आश्वासन दिया। कहा कि मांग के अनुसार मेडिकल उपकरण व जांच मशीनें इत्यादि उपलब्ध कराई जाएंगी।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने राज्य में संक्रमित मरीजों के लिए दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं, जांच की संख्या में हुई बढ़ोतरी और सभी मेडिकल कॉलेजों में 100 बेड बढ़ाने, वहां अधिकारियों की तैनाती व कंट्रोल रूम बनाने सहित विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी दी। केंद्रीय टीम नई दिल्ली से दोपहर में बिहार पहुंची। स्थानीय होटल में थोड़ी देर रुकने के बाद बैठक में शामिल हुई।
केन्द्रीय टीम में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक डॉ. एस के सिंह और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मेडिसीन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल शामिल हैं। जानकारी के अनुसार शाम में टीम के सदस्यों ने डेडिकेटेड कोविड अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल और कंकड़बाग स्थित आइसोलेशन सेंटर का दौरा कर वहां की सुविधाओ को देखा।