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170 गांवों में मनरेगा ठप, 128 सचिवों और रोजगार सेवकों को चेतावनी

राज प्रताप सिंह (लखनऊ ब्यूरो) :: राजधानी के 170 ग्राम पंचायतों में इस वर्ष मनरेगा में एक पैसे का काम नहीं हुआ है। यही नहीं पानी, आवास, शौचालय, सड़क जैसे विकास कार्य भी ठप पड़े हैं। 30 जून तक इस स्थित को सुधारने के लिए प्रशासन ने 128 पंचायत सचिवों और इतने ही रोजगार सेवकों को कड़ी चेतावनी जारी की है। कहा गया है कि अगर 30 तक मनरेगा में ग्रामीणों को रोजगार मिलना न शुरू हुआ तो इस वर्ष पंचायत सचिवों की वेतन वृद्धि पर रोक लग जाएगी।
चुनाव के चक्कर में विकास हुआ ठप
चुनाव के चक्कर में गांवों के विकास की गाड़ी वेपटरी हुई है। विकास को गति देने के लिए सीडीओ ने अब कमर कस ली है। आलम यह रहा है कि इस वित्तीय वर्ष में 170 ग्राम पंचायतों में एक भी मजदूर को मनरेगा में रोजगार ही नहीं मिला। सूत्र बताते हैं कि विकास से जुड़े अधिकारियों ने बिना कुछ सोंचे समझे रोजगार सेवकों की ड्यूटी चुनाव में लगवा दी। जबकि किसी भी जिले में रोजगार सेवक नहीं लगाए गए। जबकि रोजगार सेवक ही मनरेगा में काम कराने और लोगों को काम पर लगाने का मुख्य व्यक्ति है। यही वजह रही कि विकास कार्य ठप पड़ गए। सीडीओ मनीष बंसल ने रोजगार सेवक और ग्राम पंचायत सचिवों को कड़ी चेतावनी के साथ विकास कार्यों में जुटने के निर्देश दिए हैं।


मनरेगा योजना अंतर्गत प्रगति सुनिश्चित कराए जाने हेतु जनपद लखनऊ के समस्त ग्राम 340 ग्राम रोजगार सेवकों, 30 तकनीकी सहायकों एवं 8 एपीओ की बैठक विकास भवन लखनऊ के सभागार में की गई | उक्त बैठक में समस्त ग्राम रोजगार सेवकों को मनरेगा योजना अंतर्गत माह जून 2019 के लक्ष्य के सापेक्ष 15 दिवस में प्रगति सुनिश्चित किए जाने हेतु निर्देशित किया गया।लखनऊ में वित्तीय वर्ष 2019-20 हेतु चयनित किए गए 105 आदर्श जलाशय को वर्षा ऋतु से पूर्व पूर्ण कराए जाने हेतु निर्देश दिए गए।जिसके अंतर्गत तालाबों पर फेंसिंग, चेयर ,स्टेप, सीढ़ियां इत्यादि का कार्य कराया जाना है| इसी प्रकार मनरेगा योजना से वित्तीय वर्ष में लगाए जाने वाले 11 लाख पौधों की तैयारी हेतु गड्ढे खुदाई खाद इत्यादि का कार्य किए जाने हेतु निर्देश दिया गया।प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम 50 श्रमिकों को प्रत्येक कार्य स्थल पर लगाने के निर्देश दिए गए | साथ ही मनरेगा योजना अंतर्गत निर्धारित 10 श्रेणियों के व्यक्तिगत लाभार्थियों को मनरेगा योजना से लाभान्वित किए जाने हेतु भी चयन किए जाने के निर्देश दिए ,जिसके अंतर्गत उनके खेतों का समतलीकरण मेड़बंदी वृक्षारोपण ,केटल शेड, मुर्गी पालन हेतु शेड इत्यादि का कार्य कराया जाएगा| जिससे एक तरफ गरीब श्रेणी के व्यक्तिगत लाभार्थियों को लाभ पहुंचेगा एवं उनके जीवन स्तर में वृद्धि एवं आय में वृद्धि होगी वहीं दूसरी तरफ मनरेगा योजना अंतर्गत लक्ष्य प्राप्ति में मानव दिवस सृजित होंगे |
इसी प्रकार स्वच्छता अभियान के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में जहां जहां हैंडपंप बने हैं और पानी के निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है वहां पर सोक पित का निर्माण कराए जाने हेतु निर्देश दिए गए|

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