डेस्क : राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) में उम्र सीमा में छूट देने का आदेश पटना हाईकोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को दिया है।
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कोर्ट ने माना कि हर वर्ष होने वाली पात्रता परीक्षा आठ साल बाद ली जा रही है। ऐसे में सेकेंड्री और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए होने वाली पात्रता परीक्षा में उम्र सीमा में छूट दी जाए।
न्यायमूर्ति डॉ. अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने पंकज कुमार सिंह की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। कोर्ट को बताया गया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन हर वर्ष करना है, लेकिन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति 2011 के बाद इस वर्ष परीक्षा का आयोजन कर रही है। आठ वर्ष के बाद परीक्षा का आयोजन होने से बहुत ऐसे परीक्षार्थी हैं, जिनकी इस परीक्षा में बैठने की तय उम्र सीमा पार कर चुकी है। ऐसी स्थिति में उन्हें परीक्षा में बैठने का मौका नहीं मिल पा रहा है।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की गलती का खामियाजा परीक्षार्थियों को भुगतना पड़ेगा। यदि हर वर्ष परीक्षा ली जाती तो परीक्षार्थी तय उम्र सीमा के भीतर पात्रता परीक्षा को पास कर लेते और शिक्षकों की नियुक्ति के लिए योग्य हो जाते। कोर्ट ने आवेदक की दलील को मंजूर करते हुए उम्र सीमा में छूट देने का आदेश बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को दिया।