दरभंगा : विज्ञान, तकनीकी और सूचना प्रौद्योगिकी में भारत विश्व के शीर्ष देशों में है और वह अपनी प्रगति पर गर्व कर सकता है। यह बाते +2 महंत कर्ण ज्योति उच्च विद्यालय हायाघाट मे पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एवं पद्म श्री डॉ मानस ने अपनी संस्था विकसित भारत फ़ाउंडेशन बिहार ब्रांच तथा अगस्त्या इंटरनेशनल फांउडेशन बैग्लोर के द्वारा विज्ञान के उद्घाटन के बाद बच्चों से खास बातचीत में कही। साथ ही यह भी कहा कि प्रारंभिक स्तर से ही शिक्षा की और विज्ञान का सदुपयोग करने तथा दुरूपयोग रोकने मे संलग्न रहने के लिए उन्हे तैयार करे।
अफसोस कि बात है आज प्रत्येक स्तर पर शिक्षा को लेकर होने वाली चर्चा परिचर्चा में शिक्षा की गुणवत्ता पर चिंता प्रकट की जाती है। मेरे विचार से इस समय विद्यालय मे केवल 30 प्रतिशत बच्चों को ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। शेष बच्चो की शैक्षिक उपलब्धियां अपेक्षाकृत कमजोर है। विशेषकर सरकारी विद्यालय मे विज्ञान की शिक्षा बेहद लचर स्थिति में है। उनमे भी प्रयोगशाला दयनीय दशा में है। मेरा यह भी मानना है कि शिक्षा ऐसा क्षेत्र नही है जहां पूर्व की उपलब्धियों पर गर्व करना ही पर्याप्त है बल्कि आगे के लिए सतत सजगता और कर्मठता भी उतनी ही आवश्यक है। अंत में डॉ वर्मा ने अपनी बात कहते हुए ख़त्म किया कि इस प्रदर्शनी का मकसद ज्यादा से ज्यादा विभिन्न विषयों के विज्ञानिक मॉडलो के बारे में जानकारी प्राप्त करे ताकि उसके बीच नयी वैज्ञानिक सोच पैदा हो।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक मो. परवेज नजीर ने नेतृत्व किया तथा कार्यक्रम का संचालन संस्था के साईंस तथा आई.टी इंस्ट्रक्टर फवाद गजाली, लक्ष्मी कुमारी, मनोज कुमार यादव, हरि ओम यादव, दीपक कुमार यादव तथा विनय कुमार यादव की इनके अलावा विद्यालय के शिक्षकों मे पिंकी कुमारी, कविता कुमारी, कविता मंडल, अम्बिका कुमारी, अशोक कुमार, मंज़र आलम ने भी सहयोग किया। इस प्रदर्शनी में 63 बच्चों ने भाग लिया था जो कि महंत कण ज्योति उच्च विद्यालय, मध्य विद्यालय बालक, मध्य विद्यालय रसूलपुर उर्दू तथा उत्कर्मिक उच्च विद्यालय घोसरामा के थे। बच्चों मे इसरा प्रवीण, हाजरा हयात, साबरिन फातिमा तथा तहसीन फातिमा थी।