झंझारपुर मधुबनी/डॉ संजीव शमा : कोरोना को लेकर देश भर में लॉक डाउन 3 जारी है । ऐसे हालात में बाहर के राज्यों से लाए जा रहे मजदूरों को राज्य सरकार के निर्देशानुसार पंचायत स्तर पर क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। बसों से क्वॉरेंटाइन सेंटर तक ले जाने के दौरान जिला प्रशासन द्वारा बरती जा रही लापरवाही उजागर हुई है। क्वॉरेंटाइन सेंटर की व्यवस्था के खिलाफ जिले में प्रवासी मजदूरों ने विरोध जताया है। बाबूबरही के बाद अब झंझारपुर में भी मजदूरों ने प्रशासन की कुव्यवस्था के खिलाफ खुलेआम विरोध किया है। विरोध कर रहे मजदूरों का कहना है कि उन्हें खाने में सड़ा हुआ खाना दिया जा रहा है। गर्मी के मद्देनजर न तो पंखा की व्यवस्था की गई है और ना ही शौचालय की व्यवस्था ही ।
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झंझारपुर मुख्यालय स्थित ललित नारायण जनता कॉलेज में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों ने दिन के लगभग 1 बजे कॉलेज के सामने की सड़क को जाम कर दिया और आवश्यक वाहनों की आवागमन को ठप कर दिया । लोगों के इस तरह बाहर आ जाने से आस-पास के लोगों में भय का माहौल व्याप्त होने लगा। हालांकि प्रशासन घटना स्थल पर पहुंच लोगों को मनाने में जुटी हुई है।
बता दें कि झंझारपुर वही अनुमंडल है जहां मधुबनी जिले के सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों को इलाज के लिए रखा गया है। जिलाधिकारी खुद क्वारंटाइन सेंटर का दौरा कर सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट कर रहे हैं कि सभी क्वारंटाइन सेंटर में लोगों के सभी सुविधाओं का पूरे तरीके ख्याल रखा जा रहा है । लेकिन मजदूरों का ये विरोध जिला प्रशासन और राज्य सरकार के सभी दावों की पोल खोल रहा है । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी दावा कर रहे हैं कि राज्य के सभी जिलों में बने क्वारंटाइन सेंटर में प्रवासी मजदूरों के लिए उत्तम व्यवस्था है । इस बाबत वे जिलाधिकारियों को लगातार आदेश भी जारी कर रहे हैं । बावजूद यह हाल जिले के लगभग सभी क्वारंटाइन सेंटर की है जो कोरोना को लेकर जारी व्यवस्था को लेकर प्रशासन की पोल खोलने के लिए काफी है ।