दरभंगा : कोरोना के संदिग्ध दो मरीजों की डीएमसीएच से फरार होने की खबर से जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस एम ने इनकार किया है और कहा है कि अररिया जिला के 7 वर्ष के एक बच्ची को डीएमसीएच में भर्ती कराया गया था, लेकिन परिजन के लिखित अनुरोध पर आईजी-आईएमएस पटना भेजा गया है।
- दरभंगा झंझारपुर समेत पांच सीटों को साधेंगे पीएम मोदी
- एडीजे प्रथम श्री रामाकांत की अध्यक्षता में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
- दरभंगा :: 06 मई से 08 मई तक होगा ए.वी.एस.सी/ए.वी.पी.डी का मतदान, बनाए गए 23 मतदान दल
- बड़ी कार्रवाई :: BPSC पास शिक्षकों को ससमय नहीं दी सैलरी तो के के पाठक ने सभी DEO और DPO के वेतन पर लगाई रोक
- बड़ा खुलासा :: कोविशील्ड वैक्सीन का साइड इफेक्ट आया सामने, हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
उन्होंने बताया कि उस मरीज का पूरा ब्योरा, घर का पता, मोबाईल नम्बर सहित सभी जानकारियां जिला प्रशासन अररिया से साझा किया गया है। उन्होंने बताया कि उक्त मरीज का लगातार ट्रेसिंग की जा रही है। दूसरे मरीज के संबंध में जिलाधिकारी ने कहा कि वह भीगो गांव का रहने वाला है। उसे दौड़ा आने की शिकायत थी और वे दौड़ा का ईलाज कराने के लिए डीएमसीएच आया था और जब उसे टॉली से ले जाया जा रहा था, तो वह अचानक उठकर भाग गया। अस्पताल में उसका घर और पता मोबाईल नम्बर मौजूद है। उसको ढ़ूंढने के लिए पुलिस जब उसके घर पर पहुंचा, तो वह घर पर ही मिला। जिलाधिकारी ने कहा कि 35 साल का दिनेश मछली मारने का काम करता है और उसके विदेश से लौटने का कोई इतिहास नहीं है।
विभिन्न समाचार चैनलों पर कोरोना के दो मरीज डीएमसीएच से भागने की खबर आने के बाद जिलाधिकारी ने डीएमसीएच अधीक्षक के साथ बैठकर समीक्षा की।
उसके बाद उन्होंने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि कोरोना वायरस की जाचं की जरूरत तभी होती है, जब कोरोना वायरस से संक्रमण के संदर्भ में निर्धारित मापदंड के अनुसार अगर कोई व्यक्ति संक्रमित मरीज के सम्पर्क में आया था, अथवा खुद कोरोना वायरस के लक्षण के साथ विदेश से लौटा है ऐसे दोनों ही परिस्थितियों में मरीजों की जांच करनी है। उन्होंने बताया कि सभी सर्दी-खांसी, बुखार आदि से पीड़ित मरीजों की कोरोना की जांच करने की जरूरत नहीं है। जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन स्थिति पर पूरी तरह नजर रख रही है। आम लोग अफवाहों से बचें।