डेस्क : अगर घरेलू हिंसा और छेड़छाड़ से जुड़ी किसी समस्या की शिकायत करनी हो तो महिला आयोग आने की जरूरत नहीं। पुराने ढर्रे पर चल रहा बिहार राज्य महिला आयोग का कार्यालय हाईटेक होगा। फरियादी वेबसाइट के माध्यम से अपनी शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करा सकेंगी। उन्हें शिकायतों पर होने वाली कार्रवाई की जानकारी लेने के लिए भी कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। वे वेबसाइट पर लॉग-इन कर अपनी शिकायत की अद्यतन स्थिति से अवगत हो सकेंगी।
जारी किया जाएगा हेल्पलाइन
इतना ही नहीं, आपात स्थिति में महिलाएं आयोग से संपर्क कर सकें, इसके लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। ऑनलाइन प्रणाली की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। संभावना है कि 30 जनवरी तक आयोग हेल्पलाइन नंबर और ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया का शुभारंभ कर सकता है।
वेब पेज पर होंगी सभी जानकारियां
बिहार राज्य महिला आयोग की वेबसाइट तैयार की जा रही है। वेब पेज पर आयोग से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध रहेंगी। मुख्य पृष्ठ पर अलग-अलग जानकारियों से संबंधित आइकन बने रहेंगे। मसलन, किसी महिला को शिकायत दर्ज करानी हो तो वो ‘ऑनलाइन कंप्लेन’ के आइकन पर क्लिक करेगी। इसके बाद उन्हें अपनी समस्या को संक्षिप्त रूप में लिखना होगा। नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित पूरा विवरण देने के बाद वो ‘सबमिट’ आइकन पर क्लिक करना होगा। इसके तुरंत बाद उन्हें वाद-संख्या मिल जाएगी और समस्या की गंभीरता के अनुसार सुनवाई की तारीख मुहैया कराई जाएगी।
वेबसाइट पर मिल जाएगी अगली सुनवाई की तारीख
फरियादी के आवेदन पर आयोग ने क्या कार्रवाई की, इसकी सटीक जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगी। जब फरियादी वेबसाइट पर बने आइकन में वाद-संख्या अंकित करेंगी तो उन्हें पूरा अपडेट मिल जाएगा। वेबसाइट से ही शिकायतकर्ता और दूसरे पक्ष को सुनवाई की अगली तारीख मालूम हो जाएगी। महत्वपूर्ण व चर्चित मामलों में लिए गए आयोग के फैसले भी वेबसाइट पर अपलोड रहेंगे। वेब पेज पर ही आयोग से जुड़े कार्यक्रमों की जानकारी भी मिल जाएगी। पता चल जाएगा कि अध्यक्ष और सदस्य कब, किस मामले में कहां गई हैं अथवा जाने वाली हैं। इसका लाभ फरियादी को भी मिलेगा। अगर वह आयोग के कार्यालय में आना चाह रही होगी तो उसे मालूम चल जाएगा कि दफ्तर में कोई है या नहीं।
कॉल आते ही सक्रिय हो जाएंगे अधिकारी
हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर महिलाएं व युवतियां तत्काल मदद के लिए गुहार लगा सकती हैं। कॉल आते ही आयोग के अधिकारी सक्रिय हो जाएंगे। यदि आयोग समझता है कि पीड़िता को पुलिस सहायता की जरूरत है तो ऐसी स्थिति में फोन कॉल को उस जिले के एसपी के सरकारी मोबाइल नंबर से जोड़ दिया जाएगा, ताकि उसकी शिकायत पर फौरन कार्रवाई हो सके। इसके साथ ही आयोग में उसका वाद भी दर्ज किया जाएगा।