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वन विभाग में हरियाली पौधारोपण व रखरखाव में व्याप्त है भ्रष्टाचार

बीकेटी/लखनऊ (राज प्रताप सिंह) : उत्तर प्रदेश के मुखिया आदित्यनाथ योगी भले ही शत-प्रतिशत भ्रष्टाचार मिटाने का दावा करते हो पर उन्हीं के मातहत कुछ कारिंदे उनकी सारी योजनाओं को पलीदा लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं प्रदेश के सबसे बड़े ब्लाक बीकेटी में हरियाली व पौधरोपण के नाम पर पिछले कई वर्षों से लगातार सरकारी बजट का मातहतो के द्वारा मिलकर बंदरबांट लगातार जारी है।

ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत 103 ग्राम पंचायतों में लाखों की संख्या में पौधरोपण किया जा चुका है पर पौधरोपण कागजों पर किया जा चुका है जमीनी हकीकत देखी जाए तो इसमें लगभग कुछ ही पंचायतों में सीमित संख्या में पौधरोपण नजर आ रहा। कर्मचारियों की भूमिका पर सवाल उठा रहा है पंचायतों में विभिन्न प्रकार के पौधों का वृक्षारोपण किया गया साथ ही पौधों की देखरेख रखरखाव पर लेकर बजट का जमकर दुरुपयोग बंदरबांट किया गया पौधों की मॉनिटरिंग व देखरेख की जिम्मेदारी ब्लॉक स्तर से की संपूर्ण जिम्मेदारी होती है लेकिन देखरेख के अभाव से अधिकतर पौधे सूख चुके हैं ज्यादातर तो गायब हो चुके हैं लाखों की लागत से तैयार की गई वाटिका भी सूख चुकी। पौधरोपण के मामले में वॉइस ऑफ़ लखनऊ की टीम ने अधिकारियों से बात करनी चाही तो इधर-उधर बगले झांकने लगते हैं। वास्तविकता के आधार पर लगाए गए पौधों के स्थान पर जाच किया जाए तो वहां पर डंठल निशानी सिवा कुछ नजर नहीं आता।

हरियाली को बढ़ावा देने के लिए योजना के तहत वन विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं स्वयं सेवी संस्थाएं पौधरोपण कर अपने फोटो खींचवा रहे हैं, परंतु पौधरोपण के बाद उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। जिससे कहीं पेड़-पौधे कहीं पशुओं का निवाला बन रहे हैं तो कहीं उचित देखभाल नहीं होने से नष्ट हो रहे हैं। इससे न केवल हरियाली अभियान में भ्रष्टाचार की बू आने लगी है, बल्कि इसके औचित्य पर भी सवाल उठने लगे हैं।

सरकार हरियाली लाने के लिए लाखों रूपये खर्च करती है, लेकिन वन विभाग उदासीन रवैया अपनाते हुए पौधारोपण के नाम पर खानापूर्ति कर चलता बनता है। अभियान के तहत लगाए जा रहे पौधों की सुरक्षा का कहीं कोई इंतजाम नहीं है। जिस कारण अभियान के तहत लगाए गए पौधों को पशु आसानी से अपना निवाला बना लेते हैं। जहां पशु नहीं पहुंच पाते, वहां समय पर पानी नहीं मिलने तथा देखभाल में अभाव में पौधे स्वयं नष्ट होते जा रहे हैं।

बिजली चोरी की वन विभाग को दी जमीन

वन रेंज चंदा कोडर में आरोप है कि नर्सरी में पौधों को सीचने के लिए एक ट्यूबवेल लगा हुआ है इसको चलाने के लिए पड़ोस से कटिया फ़साई जाती है जिसके बदले में दो बीघा खेत वन विभाग ने दे रखा है और कई वर्षों से कटिया फंसा कर नर्सरी की सिंचाई की जा रही है।

संरक्षण में जोरों पर अवैध कटान

वन कर्मियों पर आरोप गंभीर अपने ही विभाग के पेड़ों को अवैध रूप से कटवा देने का बताया जाता है कि 20 पेड़ों का परमिट जारी होने पर रातों-रात 50 पेड़ों का कटान किया जाता ऐसा पहली बार नहीं हर बार इसी तरह से कार्य किया जा रहा है जिसमें सभी अधिकारियों कर्मचारियों की सांठगांठ से किया जाता है। इसकी शिकायत चौकीदार करते हैं तो उन्हें नौकरी से निकाल देने की धमकी दी जाती है और कुछ लोगों को नौकरी से निकालना भी गया है।

राजधानी में 26 लाख हरियालीदार पौधों का वृक्षारोपण किया जाना हर जनपद के सभी ब्लॉकों में वृक्षारोपण का कार्य जारी है। पानी देने सहित रखरखाव के लिए उचित व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए कार्य प्रगति पर है। आपकी अन्य सभी बिंदुओं की जांच कराई जाएगी।

  • प्रवीण राव
    मुख्य वन संरक्षक लखनऊ मंडल

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