Breaking News

शताब्दी के महानायक के खेतों में दामिनी धान की रोपाई शुरू

काकोरी में अमिताभ का 57 बीघे का है कृषि फार्म,दामिनी नामक प्रजाति के धान की हो रही रोपाई,

संदीप जयसवाल (लखनऊ) :: हिन्दी फिल्मों के सदी के महानायक भले ही विज्ञापन में किसी चावल का प्रचार करते नजर आते हों,लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी में स्थित उनके खेतों में दामिनी प्रजाति का चावल उगाने की पूरी तैयारी चल रही है।अमिताभ बच्चन का लखनऊ के काकोरी इलाके के मुजप्फरनगर खेड़ा गांव में खेती योग्य करीब 57 बीघा कृषि जमीन है।जिसमें इन दिनों धान की रोपाई करने का काम चल रहा है।जबकि इलाके के अन्य किसान अभी तक धान के बिचड़ा की ही बुआई नही कर पाये हैं।      इस जमीन की देखरेख सरदार राजेन्द्र सिंह,राजबीर सिंह व रक्षपाल सिंह के करते हैं।खेतों से गेहूं की फसल कट चुकी है और अब उसमें धान की पौध तैयारी कर रोपाई की जा रही है।रक्षपाल सिंह का दावा है कि अमिताभ बच्चन और उनके परिजनों को दामिनी चावल काफी पसंद है इसलिए इस बार उसी चावल का धान बोया गया था।जिसकी अब रोपाई कराई जा रही है।

उन्होंने बताया कि यदि इस साल बरसात अच्छी हुई तो धान की देखरेख में ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी।यदि बरसात कमजोर रही तो ट्यूबेल के पानी से खेतों की सिंचाई करनी पड़ेगी।बरसात न होने के कारण सर्व साधन सम्पन काकोरी ब्लाक के सबसे बड़े किसान और शताब्दी के महानायक अमिताभ बच्चन जी जहां अपने खेतों में इस समय धान की रोपाई करवा रहे हैं।तो वहीं बारिश न होने के कारण अन्य किसान अभी तक अपने खेतों में धान का बीज समय से नहीं डाल पाये हैं और जो किसान बीज डाल भी दिये थे पानी के अभाव में उनका बिचड़ा पीला होकर बर्बाद हो रहा है।कुछ किसान अपने निजी सिंचाई संसाधन से सिंचाई कर धान का बिचड़ा तैयार किये हुए थे।लेकिन अब इस भीषण गर्मी में अधिकांश निजी संसाधनों ने पानी देना कम कर दिया है।जो किसान अपने खेतों में धान का बीज डाल रहे हैं।उसको तैयार होने में कम से कम 21 से 25 दिन का समय लग जायेगा।अत: रोपाई का कार्य अंतिम जुलाई या अगस्त के पहले सप्ताह में ही संभव है।कुल मिलाकर यदि समय से बारिश न हुई तो छोटे किसानों को धान उगाना टेड़ी खीर साबित होगा।

Check Also

चंबल वैली में मैराथन प्रतियोगिता का होगा विशाल आयोजन

-कभी दस्यु सम्राटों की रही क्रीड़ा स्थली अब प्रतिभागियों की बनेगी क्रीडा स्थली -चंबल वैली …

विश्व हिंदी दिवस 2021: हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए इन महान साहित्यकार ने किया था संघर्ष

-10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत के तत्कालीन …

अब पेट्रोल पंपों से भी मिलेगा “छोटू” सिलेंडर

– छोटे उपयोगकर्ताओं के लिए कम कम औपचारिकता का कनेक्शन– 5 किलो वाला एलपीजी सिलेंडर …