कथाकारों एवं अतिथियों को आयोजन समिति की ओर से प्रतीक चिह्न, राजा सलहेस की प्रतिमा एवं प्रमाण पत्र देकर किया गया सम्मानित
दीप प्रज्वलित कर कथा गोष्ठी का उदघाटन करते अतिथि
झंझारपुर मधुबनी (डॉ संजीव शमा) : अनुमंडल क्षेत्र से सटे खुटौना मुख्य बाजार स्थित राम जानकी विवाह भवन में साहित्यकार डॉ महेन्द्र नारायण राम के संयोजकत्व में एक दिवसीय वैदेही कथागोष्ठी का आयोजन किया गया । कथागोष्ठी का उदघाटन बिहार सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री सह वर्तमान विधान पार्षद डॉ.रामलखन राम रमण, विद्यापति सेवा संस्थान के डॉ.बुचरू पासवान, डॉ राम उदगार महतो, डॉ महेंद्र प्रसाद सिंह, बिहार सरकार में रहे प्रशासनिक अधिकारी डॉ.रंगनाथ चौधरी, नवाह यज्ञ समिति के अध्यक्ष राजेश साह , उप संयोजक उमेश घोष ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया ।
डॉ महेंद्र नारायण राम लिखित पुस्तक मंतोरिया का विमोचन करते अतिथि
आयोजन का शुभारंभ गोसाउनिक गीत एवं स्वागत गीत से हुआ। इस अवसर पर सभी अतिथियों एवं कथाकारों को आयोजन समिति की ओर से मिथिला के परंपरानुसार पाग,चादर, प्रतीक चिह्न, राजा सलहेस की प्रतिमा, बैग एवं सहभागिता प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया ।
सम्मानित होते हुए वरिष्ठ कथाकार प्रदीप बिहारी
कथा सत्र के आरंभ में संचालक डॉ अशोक मेहता ने किरण जी लिखित कथा ‘मधुरमनि’ के माध्यम से कथातर्पण करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
सम्मानित होते हुए युवा कथाकार डॉ संजीव शमा
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कथाकार रमेश झा ने जहाँ कथाकारों के पठित कथा का समीचीन रूप से समीक्षा कर रहे थे वहीं हर सत्र के नामित समीक्षक द्वारा भी कथा पर टिप्पणी किया गया। वरिष्ठ कथाकार डॉ.अशोक मेहता के कुशल संचालन में कथाकारों ने कथा पाठ किया ।
सम्मानित होते हुए वरिष्ठ कथाकार विभूति आनंद
कथा गोष्ठी में कथाकार श्याम दरिहरे ने ‘प्रेमक ओर ने छोर’, वरिष्ठ कथाकार प्रदीप बिहारी ने कथा ‘सपन एक देखल’, हीरेन्द्र कुमार झा ने ‘परगोत्री’, प्रीतम कुमार निषाद ने ‘स्वस्तिमती’, विभूति आनंद ने ‘झट्टक’, सतीश साजन ने ‘अवंच’, चण्डेश्वर खां ने लघुकथा, मेनका मल्लिक ने ‘बैसाखी’ का पाठ कर जहां सुधि श्रोताओं की तालियां बटोरी वहीं युवा कथाकार रूपम झा ने ‘सूपक भाँटा’, डॉ संजीव शमा ने ‘प्रेम परीक्षा’, दुर्गेश मंडल ने ‘क्रांतिकारी बरद’, पंकज प्रियांशु ने ‘संविधान’, डॉ अनिल ठाकुर ने ‘विकल्प’, निक्की प्रियदर्शिनी ने ‘की इयह होइ’,अमरकांत लाल ने ‘धरमक बनियौटी’, डॉ बिभा ने ‘डिस्क्रिमिनेशन’ सुनाकर श्रोताओं को सोचने पर मजबूर किया।
कथा पाठ करती हुईं मेनका मल्लिक
समीक्षा करती हुईं डॉ बिभा कुमारी
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इसके अलावा सुमित सुमन, डॉ सोनू झा, सुखदेव राउत, बिनय भूषण आदि कथाकारों ने भी मनमोहक कथा सुनाकर श्रोताओं का मन मोह लिया।कथा सृजन के संबंध में कथा उत्स के तहत समीक्षक अजित आज़ाद ने कथा शिल्प, कथ्य, कथानक आदि पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कथा वाचन करते युवा कथाकार डॉ. संजीव शमा
संयोजक डॉ महेंद्र नारायण राम ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सभी आगन्तुक अतिथियों, साहित्य प्रेमियों एवं कार्यक्रम में सहयोगी रहे जन कल्याण सेवा संस्थान के सचिव धर्मेंद्र कुमार कारक, नवाह यज्ञ समिति के अध्यक्ष राजेश कुमार साह, कल्याण पथ दायिनी के सचिव विजय कुमार, सह संयोजक उमेश घोष के प्रति विशेष आभार प्रकट करते हुए कहा कि कार्यक्रम की सफलता में स्थानीय संस्थानों का सहयोग काफी सराहनीय रहा ।
कथा वाचन करते हुए कथाकार डॉ अनिल ठाकुर