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लॉकडाउन बढ़ाने पर शुरू होंगे उद्योग-धंधे ? गृह मंत्रालय को डीपीआईआईटी का ये सुझाव

डेस्क : देश में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 21 दिनों का देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया था जो 14 अप्रैल को खत्म हो रहा है. हालांकि ऐसी उम्मीद की जा रही है कि यह लॉकडाउन और आगे बढ़ाया जा सकता है. ऐसे में एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से इस बात का संकेत दिए गए हैं कि लॉकडाउन बढ़ने की सूरत में वैसी सख्ती नहीं रहेगी जैसी तीन हफ्ते तक की गई है तो वहीं उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने गृह मंत्रालय को सुझाव दिया है कि वह भारी इलेक्ट्रिकल्स और दूरसंचार उपकरण जैसे क्षेत्रों में एहतियाती उपायों के साथ सीमित स्तर पर काम शुरू करने की अनुमति दे। विभाग ने गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को लिखे पत्र में कहा है कि आर्थिक स्थिति में सुधार और लोगों के हाथ में नकदी पहुंचाने के लिये ये गतिविधियां जरूरी हैं। 

पत्र में कहा गया है, ”….केंद्र सरकार अगर लॉकडाउन (बंद) अवधि बढ़ाने और उसकी प्रकृति के बारे में अगर कोई अंतिम निर्णय करती है तो उपयुक्त सुरक्षात्मक उपायों के साथ कुछ और गतिविधियों को अनुमति दी जानी चाहिए। विभिन्न राज्यों और उद्योग मंडलों के साथ विस्तृत बातचीत के बाद धीरे-धीरे लॉकडाउन से बाहर निकालने की योजना के तहत यह सुझाव दिया गया है।

विभाग ने सुझाव दिया है कि जिन उद्योगों को कामकाज की अनुमति दी जा सकती है, उनमें एक ही जगह से कर्मचारियों का प्रवेश, सामाजिक दूरी बनाये रखने के लिये पर्याप्त जगह, कर्मचारियों को लाने-ले जाने के लिये अलग-अलग परिवहन व्यवस्था या कारखाना परिसरों में रहने के इंतजाम और परिसर में बेहतर साफ-सफाई की व्यवस्था की जानी चाहिए। राज्य और जिला प्राधिकरणों को इन गतिविधियों की अनुमति देते समय इन शर्तों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना चाहिए। डीपीआईआईटी ने कुछ क्षेत्रों के लिये वाहनों और कार्यबल की मुक्त आवाजाही की भी सिफारिश की है। 

विभाग ने एहतियाती उपायों के साथ जिन उद्योगों में एकल पाली में कामकाज की अनुमति देने का का सुझाव दिया है, उनमें आप्टिक फाइबर केबल, काम्प्रेसर एंड कंडेनसर इकाइयां, इस्पात और फेरस एलॉय मिल, पावर लूम, लुग्दी और कागज इकाइयां, उर्वरक, पेंट, प्लास्टिक, वाहन इकाइयां, रत्न एवं आभूषण तथा सेज एवं निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) की सभी इकाइयां शामिल हैं। 

यह भी कहा गया है कि अगर श्रमिकों को निर्माण स्थल पर रहने की अनुमति मिलती है तो आवास और निर्माण क्षेत्रों में भी काम शुरू करने की आवश्यकता है। विभाग ने राज्यों के बीच एवं राज्यों के अंदर सभी आकार के परिवहन वाहनों को भी चलाने की अनुमति देने का आग्रह किया है।

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