डेस्क : गांव की मिट्टी में पलकर अभिनय की दुनिया में पहुंचने वाले आनंद कुमार ठाकुर सिने जगत में आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है। मिथिला से कई होनहार युवाओं ने मुंबई में जाकर अपनी पहचान बनाई है। उसी नाम में होनहार अभिनेता आनंद कुमार ठाकुर का भी नाम आता है । आनंद कुमार ठाकुर जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से मुंबई की चकाचौंध दुनिया में अपने दमदार अभिनय के बदौलत पहचान बनाकर बिहार और मिथिला का नाम रोशन किया।
जब कोई इंसान जन्म लेता है तो वह बहुत से शर्तों पर अपना जीवन जीता है। कई बार उसे सपने भूलने पड़ते हैं तो कई बार माँ-बाप के सपनों को अपना सपना बनाना पड़ता है! मनमुताबिक अपनी ज़िन्दगी जीना इतना भी आसान नहीं होता। लेकिन होते हैं कुछ लोग जो अपनी शर्तों पर जीते हैं और जीतते भी हैं।
बिहार के मधुबनी जिले के बाबूबरही प्रखण्ड के परसा गांव में जन्म लिये आनंद कुमार ठाकुर मधुबनी जिले के ही अंधराठाढ़ी में पले बढ़े हैं। अंधराठाढ़ी निवासी फिल्म जगत के जाने माने अभिनेता राजेन्द्र कर्ण के दिशा निर्देश में आगे बढ़ने वाले आनंद कुमार ठाकुर कहते हैं कि आगे बढ़ने के लिए काबिलियत व दमदार अभिनय के साथ साथ इस इंडस्ट्रीज में जान पहचान काफी मायने रखती है। राजेन्द्र कर्ण सर की बदौलत ही मुझे अच्छे अच्छे निर्देशक व कलाकार से जान पहचान हुई और मुझे अभिनय का मौका मिला। जहां अभिनय में मैंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी और आज इस मुकाम पर पहुुंचा। फिल्म जगत में आगे बढ़ने के लिए कई उतार-चढ़ाव आये लेकिन हर कदम पर मुझे राजेन्द्र कर्ण सर का साथ मिला। आनंद कुमार ठाकुर को अभिनय सिखाने वाले शिक्षकों में राजेन्द्र कर्ण के अलावे सागर नाथ झा और गौरव झा की भी अहम भूमिका है।
अंधराठाढ़ी गांव से अपने सीने में अभिनय की आग लिये रुपहले पर्दे पर पहुंचने वाले आनंद कुमार ठाकुर कहते हैं कि हिन्दी फ़िल्म इन्डस्ट्रिज में जितने भी कलाकार है सभी के साथ मैं काम करना पसन्द करूंगा।
अभिनेता आनंद कुमार ठाकुर ने अबतक दो दर्जन से अधिक धारावाहिकों जैसे मेरे साईं , लाल इश्क़ , अलादीन (नाम तो सुना ही होगा), सी.आई.डी. , क्राइम पट्रोल आदि में अपना अभिनय कर रहे हैं। साथ ही कई हिन्दी मराठी फ़िल्मों में भी अतिथि भूमिका निभायें हैं। बढ़ती लोकप्रियता व उनकी सफलता से उनके परिजन फुले नहीं समा रहे है।