आजादी को समर्पित रचनाओं को सुनकर मंत्रमुग्ध हुए श्रोता
झंझारपुर संवाददाता विराट हिन्दुस्तान संगम के तत्वावधान में आयोजित विराट कवि सम्मेलन का शहर के राहुल होटल सभागार में भव्य आयोजन किया गया । संस्था के जिलाध्यक्ष डॉ शुभ कुमार वर्णवाल के संयोजकत्व में आयोजित कार्यक्रम का उदघाटन साहित्यकार प्रो जे.पी.सिंह एवं मंचासीन अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर किया । जिलाध्यक्ष डॉ वर्णवाल ने कवि सम्मेलन में शामिल सभी कवि, कवयित्रियों एवं अतिथियों का पाग व अंग- वस्त्र से स्वागत करते हुए कहा कि ‘विराट हिन्दुस्तान संगम’ का मूल उद्देश्य प्रत्येक भारतवासी को विराट हिन्दुस्तानी बनाना है । अपने उदघाटन उदबोधन में भाषाविद प्रो सिंह ने कहा कि राष्ट्रवाद एक विचार ही नहीं दार्शनिक भी होता है ।

उन्होंने कहा कि भारत का राष्ट्रवाद ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के भाव पर आधारित है। राष्ट्रवाद खतरे में न पड़े इसके लिए समाज को जागना होगा । कवि सम्मेलन का शुभारंभ सरस्वती वंदना श्वेताब्जासीना या देवी, या देवी शुभ्र वसनाभृता के पाठ से हुआ ।कार्यक्रम में हिन्दी, मैथिली, संस्कृत, उर्दू भाषा के कवि एवं कवयित्रियों के कविता, गजल एवं शेरो – शायरी के अदभुत संगम को पाकर श्रोता मंत्रमुग्ध होते रहे । अमृत महोत्सव को समर्पित कवि सम्मेलन में आजादी के तराने गूंजते रहे । प्रो जे.पी. सिंह ने अपनी क्रांतिकारी रचना ज्वाला में तो राख बचेगी, पानी पर तो नहीं निशान; जोर लगा लो दुनिया वालों नहीं मिलेगा हिन्दुस्तान सुनाकर कार्यक्रम में जोश भर डाला ।
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माशूक अंजुम ने ‘आओ तिरंगे पर हम कर दें तन-मन-धन कुर्बान’, कवि डॉ संजीव शमा ने अमर बलिदानी को श्रद्धा पुष्प अर्पित करते हुए अपनी रचना देश के सपूत मेरे वीर जवान, व्यर्थ न जाएगा तेरा बलिदान का सस्वर पाठ किया । विभा झा ‘ओ प्रहरी तू भारत भू के’, कल्याण भारद्वाज ‘नव लतिकाओं में नव कलिकाएं जाग उठी सुनाया । कवि उदय चंद्र झा विनोद ने ‘ई थिकै आकाशवाणी’, रामेश्वर निशांत ने गजल ‘सांझ सँ’ बेदर्द दीप ई, अनचिन्हार सन तकैत छै कते’, कवि डॉ संजीव शमा ने अपनी कविता ‘तुम्हें राष्ट्र का प्रणाम’ का सस्वर पाठ किया । कवि पंकज सत्यम ने ‘विश्व के आसमान में लहराये हमारा तिरंगा’, डॉ अनिल ठाकुर ‘कैसी आजादी’, झौली पासवान ‘कभी धूप कभी छाँव’, दिलीप कुमार झा ‘दू फाँक कएल गेल हमर देह’, रेवती रमण झा ‘आजाद

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