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बिहार :: ‘लोक संवाद’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुने लोगों के सुझाव

पटना (संजय कुमार मुनचुन) :- 1 अण्णे मार्ग स्थित लोक संवाद में ‘लोक संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम में पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, भवन निर्माण, ऊर्जा, ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, नगर विकास एवं आवास, पंचायती राज, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, उद्योग, गन्ना उद्योग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी एवं पर्यटन विभाग से संबंधित मामले पर 08 लोगों द्वारा मुख्यमंत्री को सुझाव दिया गया। 

आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम में फुलवारीशरीफ के श्री अजय गुप्ता, दलसिंहसराय (समस्तीपुर) के श्री धमेर्श कुमार, मुंगेर के श्री रवि कुमार, डोभी (गया) के श्री सिद्धार्थ कुमार, समस्तीपुर के श्री रमेश चंद्र राय, सरैया (मजफ्फरपुर) के श्री जय प्रकाश कुमार, बक्सर के श्री विशाल कुमार ठाकुर और सीतामढ़ी के श्री राहुल कुमार ने अपने-अपने सुझाव एवं राय मुख्यमंत्री के समक्ष रखे। लोगों के प्राप्त सुझाव एवं राय पर संबंधित विभाग के प्रधान सचिव/सचिव ने वस्तु स्थिति को स्पष्ट किया। लोगों से प्राप्त राय एवं सुझाव पर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों के प्रधान सचिव/सचिव को कार्रवाई हेतु निर्देशित किया। लोक संवाद कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, ऊर्जा मंत्री श्री विजेंद्र प्रसाद यादव, जल संसाधन मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, पथ निर्माण मंत्री श्री नंदकिशोर यादव, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री विनोद नारायण झा, उद्योग मंत्री श्री जय कुमार सिंह, लघु जल संसाधन मंत्री श्री दिनेश चंद्र यादव, भवन निर्माण मंत्री श्री महेश्वर हजारी, नगर विकास एवं आवास मंत्री श्री सुरेश शर्मा, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री शैलेश कुमार, पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत, पर्यटन मंत्री श्री प्रमोद कुमार, गन्ना उद्योग मंत्री श्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री के एस द्विवेदी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित संबंधित विभागों के प्रधान सचिव/सचिव उपस्थित थे। आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम के उपरांत मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए एक प्रश्न महागठबंधन के घटक दल पर उत्तर प्रदेश में सीबीआई जांच के बारे जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके तथ्य के बारे में पूरी तरह से हमें जानकारी नहीं है, अगर सेंट्रल एजेंसी भ्रष्टाचार के आरोप में किसी से कोई पूछताछ करती है तो उसके बाद मामला न्यायालय में जाता है और उसमें आरोपी को भी अपना पक्ष रखने का हक है और कोर्ट में न्याय मिलता है।

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार आज मीडिया के एक वर्ग के लिये कोई मुद्दा नहीं रह गया है। एक वक्त था जब हमसे इससे जुड़े सवाल मीडिया पूछती थी और हमने उस पर कार्रवाई की, आज की तारीख में मीडिया उसे फॉलोअप नहीं कर रही है, उसे भी अपने आप से सवाल पूछना चाहिए। राष्ट्रपिता महात्मा गॉधी ने 7 सामाजिक पापों का जिक्र किया है, जिसमें सिद्धांत के बिना राजनीति और काम के बिना धनार्जन को भी सामाजिक पाप बताया है। ऑर्डिनेंस फाड़ने वाले आज भ्रष्टाचार का साथ दे रहे हैं। उनके लिये राजनीतिक तौर पर भ्रष्टाचार अब कोई मुद्दा नहीं रह गया है। आज के संदर्भ में इस पर सभी को सोचने की जरुरत है। राम मंदिर के निर्माण से संबंधित प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका फैसला कोर्ट से होना चाहिए या फिर आपसी बातचीत से इस मामले का समाधान निकाला जाना चाहिए। ट्रिपल तलाक से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी खास तबके से संबंधित इस मुद्दे के लिए इन्फोर्स करने की बजाए उनसे इन्टेरैक्ट करना चाहिए। मुस्लिम समुदाय के लोगों को कमी दूर करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। देश आस्था से चलेगा या संविधान से इस प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश संविधान से ही चलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग राज्य में न्याय के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। बिहार में इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं अन्य क्षेत्रों में विकास के कार्य किए जा रहे हैं। सरकार द्वारा बिहार में नई योजनाओं को शुरु किया गया है। फंड की व्यवस्था की जा रही है। राज्य सरकार अपनी तरह से इन सब चीजों को मॉनिटर कर रही है। हर घर तक पक्की गली-नाली, हर घर नल का जल के सही क्रियान्वयन की जांच के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में टीम बनाकर जमीनी स्थिति का जायजा लिया जा रहा है और उस पर कार्रवाई की जा रही है। हमलोगों का उद्देश्य है कि आने वाली समस्याओं को कैसे दूर किया जाए, योजनाओं का क्रियान्वयन इस तरह हो कि किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं हो। उन्होंने कहा कि हम एरियल सर्वे कर इन्फ्रास्ट्रक्चर कार्यों का जायजा लेने के बाद उसकी समीक्षा खुद ही करने वाले हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मॉब लिंचिंग जैसी कोई घटना सोशल मीडिया पर वायरल होती है, जबकि उसकी हकीकत कुछ और ही होती है। उन्होंने कहा कि पिछले 13 वर्षों के शासनकाल में एक भी सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ है। कहीं कोई घटना होती है, कोई भी समुदाय दोषी होता है, उस पर कार्रवाई होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई काम किए हैं। बिहार पहला ऐसा राज्य है, जिसने पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। राज्य की सभी सरकारी सेवाओं में 35 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है। पहले से ही 03 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं के लिए था। जीविका के माध्यम से स्वयं सहायता समूह का गठन कर महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। सिटीजन एमेडमेंट बिल-2016 से संबंधित प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि असम का डेलिगेशन हमसे पहले मिला था। इस मामले में केंद्र सरकार को असम गण परिषद से बात करनी चाहिये। केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी से कल हमारी इस संबंध में बात हुई है। हमलोगों का मानना है कि असम के लोगों की अपनी पहचान है, उस पर असर नहीं पड़ना चाहिए, उनकी भावना का सम्मान होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने महागठबंधन के भविष्य से जुड़े प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि राजद का आत्मविश्वास घट रहा है इसलिए किसी भी पार्टी को अपने साथ जोड़ रहे हैं। बिहार की जनता काम के आधार पर वोट करेगी। तीन राज्यों में भाजपा की हार पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा तीन राज्यों में हारी है लेकिन मध्यप्रदेश में उसका वोट प्रतिशत कांग्रेस से अधिक है, जबकि राजस्थान में कांग्रेस से थोडा सा कम है। वर्ष 2019 में मेरा आकलन है कि फिर श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनेगी। राफेल के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपना निर्णय दे दिया है और लोकसभा में इस पर विस्तृत बहस हुई है। कहीं कोई बात नहीं बची है, फिर जेपीसी (ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी) की मांग का क्या मतलब है। किसानों से संबंधित प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में किसानों में कर्ज लेने की प्रवृति कम है। हमलोगों ने किसान के हित मे कई निर्णय लिए हैं। राज्य में कृषि रोड मैप लागू किया गया है।

कृषि उत्पादन और उत्पादकता दोनों बढ़ी है। सब्जियों के लिए कृषि इनपुट सब्सिडी शुरु किया गया है बाद में इसे अन्य फसलों के लिए भी लागू किया जाएगा। फसल बीमा योजना की जगह बिहार राज्य फसल सहायता योजना लागू किया गया है। सूखाड़ की स्थिति में राहत के लिए कई कदम उठाए गए हैं। मंडल डैम से संबंधित प्रश्न के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना बहुत दिनों से लंबित थी, इसके लिए बड़ी धनराशि की जरुरत थी, केन्द्र सरकार द्वारा धनराशि का प्रबंध कर कार्य शुरु किया गया है। इससे बिहार के औरंगाबाद, गया सहित आसपास के क्षेत्रों को काफी फायदा होगा।

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