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प्रसूता के साथ नर्स की अमानवीयता से गई दो नवजात जुड़वा की जान

माल / लखनऊ (रामकिशोर रावत) : रविवार देर रात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एम्बुलेंस से पहुंची प्रसूता के साथ स्टाफ ने अमानवीयता की हदें पार कर दी।प्रसूता की बेहद ख़राब हालत देखकर भी स्टाफ ने बिना पैसा लिये उसे हाथ नहीं लगाया। इसी बीच प्रसूता द्वारा जन्मे गये दोनों जुड़वां नवजात बच्चों की मौत हो गयी।

मामले ने तूल पकड़ा तो अधीक्षक ने प्रसूता के पति को पैसा वापस दिलाया। क्षेत्र के कोलवा गांव निवासी अनिल कुमार शर्मा की पत्नी चांदनी को रविवार देर रात प्रसव पीड़ा शुरू हुई।परिजनों ने सरकारी एम्बुलेंस बुलाई और गांव की आशा के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे।केंद्र पर रात्रि डियूटी पर तैनात स्टाफ नर्स रंजना यादव और विकासिनी देवी से पति अनिल ने मदद करने की ताकीद की।अनिल के मुताबिक स्टाफ नर्स ने डेढ़ हजार रुपये लिए बिना प्रसूता को हाथ लगाने से इनकार कर दिया।पांच सौ रुपये अनिल के पास थे जब उसने मजबूरी बतायी तो कहा हम इसके जिम्मेदार नहीं हैं।रात के समय ही अनिल अपने एक परिचित के पास गया वहाँ भी उसे सात सौ रुपये ही मिल सके।बारह सौ रुपये लेने के बाद स्टाफ नर्स ने प्रसूता को इंट्री दी तब तक उसके दोनों बच्चों की मौत हो चुकी थी।अपने साथ हुए इस अमानवीय व्यवहार और लूट की जानकारी सबेरे जिसको भी पता चली सभी ने स्टाफ को धिक्कारा। मामले को अधिक बिगड़ता देख अधीक्षक ने दोनों स्टाफ नर्सो को बुलाकर पीड़ित अनिल को बारह सौ रुपये वापस कराये। कमजोर अधीक्षक की पहचान वाले डॉ विनय कुमार सिंह ने बताया कि प्रसूता को समय पूर्व प्रसव हुवा था।दोनों बच्चे गांव में ही पैदा हो गए थे सीएचसी पर पहुंचने के बाद जिन स्टाफ नर्सो ने प्रसूता के मामले में लापरवाही और वसूली की है उनका एक दिन का वेतन काट दिया गया है।वसूले गए पैसे भी वापस दिला दिए गये हैं।सीएमओ को पत्र लिखकर दोनों के खिलाफ कार्यवाही की संस्तुति की जा रही है।स्टाफ की निरंकुशता इतने से भी नहीं समझी सोमवार को केड़ौरा गांव की सुमित्रा पत्नी शंकर यादव ने बेटी को जन्म दिया।शंकर ने बताया कि उससे भी सुविधाशुल्क के नाम पर तीन सौ रुपये यहाँ लिए गये।

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