Breaking News

यूपी: कई सीटों पर कांग्रेस की सपा-बसपा से दोस्ताना लड़ाई के आसार

यूपी: कई सीटों पर कांग्रेस की सपा-बसपा से दोस्ताना लड़ाई के आसार

राज प्रताप सिंह(उत्तर-प्रदेश राज्य प्रमुख)

लखनऊ। यूपी में गठबंधन से बाहर रहने के बावजूद कांग्रेस की कई लोकसभा सीटों पर सपा-बसपा से दोस्ताना चुनावी लड़ाई होने के आसार हैं। खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के बयानों से कुछ इसी तरह के संकेत मिल रहे हैं।
हालांकि सपा-बसपा गठबंधन में शामिल न किए जाने के बाद कांग्रेस प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है। प्रदेश के बड़े नेताओं के साथ बैठक के बाद यूपी के निवर्तमान प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव गुलाम नबी आजाद ने खुद लखनऊ आकर प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के साथ इस आशय की घोषणा की थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अकेले चुनाव लड़ने की बात कही थी। उन्होंने चौंकाने वाले नतीजे आने की भी बात कही थी लेकिन कांग्रेस नेताओं के हालिया बयानों से कुछ सीटों पर दोस्ताना लड़ाई होने के संकेत मिल रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पहली बार बुधवार को जब अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी आए तो उन्होंने सपा-बसपा गठबंधन को लेकर किए गए सवालों के जवाब में कहा कि वह भाजपा को मिटाने के लिए आए हैं। सपा-बसपा गठबन्धन भी भाजपा को हराने के लिए बना है। दोनों दलों की विचारधारा कांग्रेस से काफी मिलती है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा को हराने में जहां कांग्रेस के सहयोग की जरूरत होगी, कांग्रेस सहयोग करेगी।

इससे पहले के चुनावों पर गौर करें तो समाजवादी पार्टी गांधी परिवार की सीटों रायबरेली और अमेठी पर प्रत्याशी नहीं उतारती रही है। अलबत्ता, इस बार उनके साथ गठबंधन में शामिल बसपा दोनों सीटों पर प्रत्याशी उतारती रही है। कांग्रेस भी सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार के लोगों के खिलाफ प्रत्याशी नहीं देती रही है। सपा-बसपा ने भले ही अपने गठबन्धन से कांग्रेस को बाहर रखा है लेकिन  रायबरेली व अमेठी सीटों पर प्रत्याशी न देने की घोषणा की है।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस भी सपा के लिए वो सीटें छोड़ देगी जिन पर मुलायम सिंह यादव, अखिलेश या उनकी पत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ेंगी। बसपा संस्थापक कांशीराम के बाद पार्टी की अकेले कमान संभालने और स्व. कांशीराम की इच्छा के मुताबिक मायावती चुनावी राजनीति से कई साल पहले खुद को अलग कर चुकी हैं। अगर वह खुद चुनाव लड़ती हैं तो कांग्रेस उनके लिए भी सीट छोड़ सकती है। सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव में अगर कुछ सीटों पर ऐसी स्थिति बनती है कि कांग्रेस का प्रत्याशी न रहने पर भाजपा की हार निश्चित है तो कांग्रेस दोस्ताना भूमिका निभा सकती है।

Check Also

उप निरीक्षक मोहम्मद शकील का हुआ विदाई कार्यक्रम

चकरनगर/इटावा। तहसील क्षेत्र के थाना भरेह में तैनात मोहम्मद शकील का अचानक स्थानांतरण थाना चौबिया …

बोर्ड परीक्षाओं में उन्नाव जनपद के टॉपरों को शहीद अजीत कुमार आजाद स्मृति सम्मान – ट्री मैन पुलिस दंपत्ति

उन्नाव। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद जवानों की याद में प्रियदर्शनी नगर के मनोरंजन पार्क …

पूर्व विधायक रविंद्र सिंह चौहान ने चकरनगर चकरनगर में जनता से किया संपर्क स्थापित

चकरनगर/इटावा। पूर्व विधायक रविंद्र सिंह चौहान गांव ललूपुरा में क्वारी नदी व सिंध नदी के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *