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विकास के हर काम को अंजाम तक पहुंचाएंगे : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ ब्यूरो( राज प्रताप सिंह ) : महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर आयोजित विधानमंडल के विशेष सत्र में गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार सूबे के सतत विकास के लिये कटिबद्ध है और राज्य को एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूरा करने के हरसंभव प्रयास किये जायेंगे।

सीएम योगी ने विधान परिषद में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच को सामने रखकर उनकी सरकार ने विकास के हर कार्य को अंजाम तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है और मात्र ढाई वर्ष के कार्यकाल में राज्य को प्रगति के मार्ग पर ले जाने का बड़ा प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि राज्य की 23 करोड़ जनता को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए 2015 में संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा घोषित सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सदन में इस सार्थक बहस को आगे बढाया। जब विकास के लक्ष्यों की बात होती है तो उन पांच फाईव-पी की बात करनी चाहिए, जिन लक्ष्यों को लेकर संस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को यूएन ने 2015 में तय किये थे। यह फाईव-पी पीपुल, प्रॉसपेरेटी, पीस, पार्टनरशिप और प्लानेट अथार्त लोग, सम्पन्नता,-शांन्ति, साझेदारी और धरती माता यानी पृथ्वी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को भी विकास से वंचित नहीं किया जा सकता है। हमने विकास के 17 बिंदुओं के 169 लक्ष्य निर्धारित किए हैं। वास्तव में सतत् विकास का लक्ष्य एक साहसिक और एक सार्वभौमिक समझौता है,जो पूरी दुनिया से गरीबी तथा भुखमरी को सदैव के लिये समाप्त करने के लिए, गुणवत्तापरक शिक्षा, उत्तम स्वास्थ्य सुविधा, जैव विविधता एवं पयार्वरणीय सुरक्षा के साथ-साथ ही हम विकास के इन सभी लक्ष्यों को प्राप्त कर सके जो सबके लिए एक समान, एक न्यायपूर्ण और सुरक्षित विश्व की परिकल्पना को साकार कर सकें।

सीएम योगी ने कहा कि गांधी जी की 150वीं जयंती का कार्यक्रम भारत मना रहा है तो भारत के साथ दुनिया के 120 देश महात्मा गांधी से अपने आप को किसी न किसी रूप में जोड़ कर प्रेरणा और प्रकाश प्राप्त कर रहे हैं। महात्मा गांधी ने विषमता के खिलाफ, असमानता, अराजकता, भेदभाव के विरूद्ध गरीबी अमीरी के भेदभाव, छोटे बड़े भेदभाव, शहर और गांव का भेदभाव,लघु और बड़े उद्योगों का भेदभाव हो, इसे दूर करने के लिए जो दर्शन दिया था, वह गांधी दर्शन कोटि कोटि लोगों का प्रेरणा श्रोत बना।

उन्होंने कहा कि किसी को भी विकास से वंचित नहीं किया जा सकता है। पहले शासन की योजनाओं का लाभ आम व्यक्ति को नहीं मिलता था। उनकी सरकार ने लोगों के जीवन स्तर को उठाने का काम किया है। पहले खाद्यान्न निकलता था लेकिन लाभार्थी तक नहीं पहुंचता था। अब 3.55 करोड़ परिवारों को गेंहू और चावल मिलना शुरू हुआ है। आज टेक्नोलॉजी से कोई खाद्यान्न की चोरी नहीं कर सकता है। इस तरह से खाद्यान्न की चोरी रोकने से सरकार की 700 करोड़ रुपए की बचत हुई है। आज इतना खाद्यान्न है कि हम तीन वर्ष तक जनता का पेट भर सकते हैं।

राज्य सरकार गरीब तथा किसान को उसका लाभ लेने का संकल्प ले चुकी है। अब कोई भी लाभ लेने से वंचित नहीं रहेगा। सरकार किसानों को एमएसपी से ज्यादा दाम दे रही है। जहां 2016 में गेंहू का 900 से 1000 प्रति कुंतल था, आज 2019 में 1860 प्रति कुंतल का दाम किसान के खाते में भेजा गया है। मंडी समिति के अफसरों को मैंने सफाई का निदेर्श दिया था, 1400 टन कूड़ा साफ हुआ। आज किसान से मंडियों में सीधे खरीद हो रही है। कही कोई मीडियेटर या दलाल नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के 74 हजार करोड़ रुपया का बकाया गन्ना का भुगतान कराया है। हमने बस्ती और पिपराइच में हमने नई चीनी मिलें लगाई हैं। हमसे पहले की सरकारों ने चीनी मिलें बेची थी, हमने नई शुरू की।

योगी आदित्यनाथ से पहले कटारिया, विशन सिंह ‘चंचल’, मुकुट बिहारी वमार्, रमाशंकर पटेल, चंद्रिका प्रसाद, राम
चौहान, नीलिमा कटियार, गुलाब देवी, गिरीश यादव, यशवंत सिंह, जय प्रकाश निषाद, सूर्य प्रताप शाही, बृजेश पाठक, लक्षमण प्रसाद आचार्य स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान, जय प्रताप सिंह, मोहसिन रजा, मनमोहन कोरी और ललित पाल ने विचार व्यक्त किए। मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने कहा कि, हमारी सरकार ने उच्च शिक्षा विभाग के लिये 7वें वेतन आयोग की संस्तुति की गयी है, 14 विद्यालयों में पंडित दीन दयाल उपाध्याय शोध संस्थान की स्थापना की गई है, हमारे यहां पर वाराणसी में काशी विद्यापीठ है और संपूणार्नंद है, सरकार ने उनको कौशल विकास डेवलपमेंट के लिये कहा है, उनको कौशल विकास विकसित करने के लिये सरकार ने निर्देशित किया है।

गन्ना विकास राज्य मंत्री सुरेश पासी ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को बकाया गन्ना मूल्य का 73 हजार करोड़ से अधिक भुगतान कराया, जो पिछले दस सालों में किये गये भुगतान से अधिक है। फसलों के लिये नई प्रोक्योरमेंट पालिसी लागू की गयी 50 लाख से अधिक किसानों को 1222 करोड़ रूपये की धनराशि का भुगतान उनके खाते में सीधे डीबीडी द्वारा जारी की गयी। गेहूं का समर्थन मूल्य 1735 से बढ़ाकर 1840 रूपये प्रति कुंन्तल किया गया। इतना ही नहीं धान के समर्थन मूल्य को बढ़ाकर 1815 एवं 1835 रूपये प्रतिकुन्तल करने का काम किया गया। बीते ढाई साल में एक लाख 26 हजार मीट्रिक टन की खरीद की गई।

सुरेश पासी ने कहा कि प्रदेश में पहली बार दलहन, तिलहान का समर्थन मूल्य तय करके सीधे किसानों से खरीद की गयी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत दो करोड़ 33 लाख किसानों को प्रथम किश्त के रूप में 4.36 लाख करोड़ की धनराशि उनके खातों में सीधे भेजा गया।

विशेष सत्र में मंत्री सतीश चन्द द्विवेदी ने महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुये कहा कि अगर किसी ने स्वच्छता पर पूरी दुनिया में बात की तो वह महात्मा गांधी जी है उनके बाद अगर किसी ने स्वच्छता पर ध्यान दिया है तो हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी है। गांधी जी गौ सेवा की बात

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