दरभंगा (सौरभ शेखर श्रीवास्तव की ब्यूरो रिपोर्ट) : नृत्य के माध्यम से मिथिला की धरोहर संस्कृति और गौरवशाली परंपराओं को सहेजने को कृतसंकल्प सृष्टि फाउंडेशन के कलाकारों ने शक्ति उपासना की महिमा का बखान करते मिथिला के पारंपरिक लोकनृत्य झिझिया पर अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति देते हुए इसमें निहित पारंपरिक भाव को प्रदर्शित करने का प्रयास किया है।
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इस नृत्य को दरभंगा की हृदय स्थली पर अवस्थित चौरंगी, संस्कृत विश्वविद्यालय और लोक आस्था के अमूल्य प्रतीक मनोकामना मंदिर के प्रांगण में यह नृत्य प्रस्तूत किया गया। माता दुर्गा के महाअष्टमी के दिन इस झिझिया नृत्य को सोशल साईट पर भी देखा जा सकता है।
इस नृत्य में कुमुद शर्मा, विद्या अग्रवाल, सृजा, वंशिका लाल, प्रिया प्रभाकर, गौरी शर्मा, निशा सिंह, कृतिका, पल्लवी कुमारी, तृषा अग्रवाल आदि ने भावप्रवण प्रस्तुति दी है। रूप सज्जा में सुबोध दास एवं सत्यम झा ने प्रभावकारी भूमिका निभाई।
नृत्य कोरियोग्राफी नयन मांझी ने किया। जबकि फिल्मांकन में ट्विंस स्पार्कल की टीम के साथ-साथ लाईट और साउंड के बीच सुन्दर समन्वय स्थापित करने में प्रेम ईलेक्ट्रिक का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
इस प्रयास को अंजाम तक पहुंचाने में सृष्टि के सचिव मनोहर पाठक, प्रधान संपादक डॉक्टर सुमित कुमार मंडण, सृजन मिथिला के संस्थापक राजेश चौधरी एवं मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के वरिष्ठ संरक्षक प्रवीण कुमार झा का अमूल्य सहयोग रहा।