प्रदेशभर के डीएम से जिला न्यायालयों की सुरक्षा पर रिपोर्ट मांगी गई
– बिजनौर घटना की मजिस्ट्रेरियल जांच होगी
राज प्रताप सिंह
लखनऊ ब्यूरो।विधायी एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने डीएम बिजनौर से न्यायालय में घटित घटना के संबंध में बिंदुवार रिपोर्ट तीन दिन में मांगते हुए पूछा है कि किन परिस्थितियों में यह घटना हुई। प्रारम्भिक रूप से दोषी कौन है? डीएम घटना की मजिस्ट्रेरियल जांच के आदेश जारी कर एक माह में रिपोर्ट उपलब्ध कराएं।
अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बिजनौर जैसी घटना दोबारा न होने पाए।विधायी एवं न्याय मंत्री ने बुधवार को न्यायालयों की सुरक्षा के संबंध में बैठक में कहा कि जमा तालाशी (फ्रिस्किंग) के बिना न्यायालय परिसरों की पूरी सुरक्षा संभव नहीं है। इसलिए अधिवक्तागण के सहयोग के साथ इसके संबंध में समुचित व्यवस्था की जाए।
नियत तिथि पर न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालान में सभी जरूरी कार्यवाही तुरंत सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि सम्प्रति सिक्योरिटी प्लान, नियमित अंतराल पर पर्यवेक्षण बैठक, सुरक्षा आडिट व एक्सेस कंटोल के संबंध में सभी जिलों से तत्काल कार्ययोजना मंगा कर उसे लागू किया जाए।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि प्रदेश के सभी न्यायालयों की सुरक्षा के संबंध में जिलाधिकारियों से गुरुवार की शाम तक शासन को उपलबध कराने को कहा गया है, जिससे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके।
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न्यायालयों की सुरक्षा का प्रस्ताव तैयार
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि अधीनस्थ न्यायालयों में सुरक्षा के संबंध में राज्य स्तर पर काम्प्रेहेंसिव, सिक्यूरिटी प्लान तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत सीसीटीवी लगाने, बैगेज स्केनर, डीएफएमडी व एचएफएमडी आदि स्थापित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि समय-समय पर निर्देश भी निर्गत किये जाते हैं। बैठक में प्रमुख सचिव न्याय डीके सिंह, एडीजी कानून व्यवस्था, एसपी सुरक्षा, अपर विधि परामर्शी रणधीर सिंह, अपर विधि परामर्शी राजेश पति त्रिपाठी सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।