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सावधान! सैनिटाइजेशन स्प्रे बाथ शरीर के लिए घातक, कई राज्यों ने इस्तेमाल करना किया बंद

डेस्क : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए देश भर में कई जगहों पर सैनिटाइजेशन यूनिटें लगाई जा रही हैं। खास तौर पर कई अस्पतालों में ऐसे प्रयोग किए गए, ताकि कर्मचारियों व अस्पताल पहुंचने वाले लोगों को स्प्रे बाथ के माध्यम से सैनिटाइज किया जा सके। लेकिन, सैनिटाइजेशन यूनिट में इस्तेमाल किए जा रहे रसायन से एलर्जी की परेशानी होने की बात सामने आने के बाद दिल्ली स्थित एम्स ने अपनी सैनिटाइजेशन यूनिट को फिलहाल बंद कर दिया है।

बताया जा रहा है कि कर्मचारियों ने एलर्जी व शरीर में खुजली महसूस होने की शिकायत की थी। इसके बाद एम्स प्रशासन ने इसे अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीके शर्मा ने कहा कि अभी तक कोई ऐसा शोध सामने नहीं आया है जिससे यह पता चल सके कि इसके इस्तेमाल से संक्रमण रोकने में ज्यादा फायदा है। जिन देशों में पहले इसका इस्तेमाल हुआ है, वहां अब जो तथ्य सामने आए हैं, उनमें त्वचा की एलर्जी होने की बात कही गई है। इसलिए इसे अस्थायी रूप से बंद किया गया है। बाद में यदि इसका सकारात्मक वैज्ञानिक आधार सामने आया तो उसे दोबारा शुरू किया जा सकता है।

दरभंगा में भी संचालित

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर रविकांत का कहना है कि सोडियम हाइपोक्लोराइट का मानव शरीर पर छिड़काव कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए उपयोगी उपचार नहीं है। सोडियम हाइपोक्लोराइट का उपयोग किसी सतह को कीटाणु रहित करने के लिए किया जाता है। इसे टनल के जरिये शरीर पर आजमाना कई रूपों में घातक हो सकता है।

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