डेस्क : बिहार में राज्यकर्मियों और पेंशनधारियों का महंगाई भत्ता पांच प्रतिशत बढ़ाकर 12 से 17 प्रतिशत कर दिया गया है। राज्य के करीब सात लाख वेतनभोगी और पेंशनधारी को बढ़े हुए महंगाई का लाभ एक जुलाई, 2019 के प्रभाव से दिया जाएगा। इससे सालाना 1048 करोड़ अतिरिक्त खर्च होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी मिली। बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव दीपक प्रसाद ने कहा कि कुल 35 प्रस्तावों को स्वीकृत किया गया।
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पिछले साल की तर्ज पर इस बार भी किसानों को फसल क्षति के नुकसान को लेकर कृषि इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। इस पर 772 करोड़ राज्य सरकार खर्च करेगी। इसके लिए किसानों से नवंबर के पहले सप्ताह में आवेदन लिये जाएंगे। ऑनलाइन आवेदन देने के लिए 20 दिनों का समय दिया जाएगा। इसके बाद आवेदन की जांच कर किसानों के बैंक खाते में राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।
कृषि सचिव डॉ एन सरवन कुमार ने कहा कि जुलाई में अधिक बारिश के कारण 14 जिले शिवहर, सीतामढ़ी, मोतीहारी, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया, समस्तीपुर और बेतिया जिला बाढ़ से प्रभावित हुआ। वहीं कई क्षेत्रों में बारिश की कमी के कारण खरीफ फसलों का आच्छादन नहीं हुआ। फिर सितंबर में अधिक बारिश और नदियों के जलस्तर बढ़ने से 15 जिले अरवल, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, जहानाबाद, कटिहार, खगड़िया, लखीसराय, मुंगेर, नालंदा, नवादा, पटना, पूर्णियां और समस्तीपुर जिले बाढ़ से प्रभावित हुए। इन कारणों से 7.85 हेक्टेयर में फसल को नुकसान हुआ है। इन्हीं कारणों से कृषि इनपुट सब्सिडी किसानों को दी जाएगा, जिससे उन्हें रबी फसल में मदद मिले। सिंचित क्षेत्र के लिए 13,500 तो असिंचित क्षेत्र के लिए 6800 प्रति हेक्टेयर सब्सिडी दी जाएगी।