माल/लखनऊ (राम किशोर रावत) : बिना बिल चुकाये ही ग्राम पंचायतें बिजली का उपयोग कर रही हैं।बड़े पैमाने पर बिजली का प्रयोग करने वाली इन पंचायतों को कनेक्शन दिये जाने के निर्देश भी हैं।सरकारी स्कूलों,पंचायत

भवनों,सामुदायिक मिलन केंद्रों,मार्ग प्रकाश के लिए लगे बिजली के लैम्प पोस्टों में इस्तेमाल होने वाली बिजली का अभी कोई भुगतान पंचायतें नहीं करती।
इलाके की सड़सठ ग्राम पंचायतों में से शायद ही किसी पंचायत ने बिजली के कनेक्शन लिए हों।पावर कारपोरेशन के क्षेत्रीय अभियंता(एसडीओ)वीरेंद्र बहादुर सिंह भी नहीं बता पाये कि कितनी पंचायतों को कनेक्शन दिए गये हैं।सरकारी स्कूलों और लैम्प पोस्ट पर सबसे अधिक बिजल
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खर्च होती है।ग्राम पंचायतों द्वारा बड़े पैमाने पर लगवायी गयी लाईटों को रौशन करने में खर्च हो रही बिजली पर पावर कारपोरेशन ने ऐतराज जाहिर किया था।प्रशासन ने इसी कारण पंचायतों को कनेक्शन लेने से सम्बंधित निर्देश देते हुये बिजली से जलने वाली लाइटों की स्थापना पर रोक लगा दी थी।साथ ही पावर कारपोरेशन के तर्क का समर्थन भी किया था। जिसमें पंचायतों को पूरे सार्वजानिक उपयोग की बिजली का एक स्टीमेट बनवाकर कनेक्शन लेने की बात कही गयी थी।बड़े पैमाने पर राजस्व की हानि झेल रहे कारपोरेशन को इस घाटे से निकलने की तरक़ीब अभी तक नहीं सूझ रही।