लखनऊ (सूरज अवस्थी) : प्रदेश की योगी सरकार द्वारा गौ संरक्षण के लिए बनाए गए गौशालाओं के निर्माण व क्रियान्वयन में हुई लूट घसोट को लेकर किसानमंच द्वारा माननीय न्यायालय में एक जांच याचिका दायर की गई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जांच करा कर 6 सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को होनी है।
किसानमंच के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष देवेंद्र तिवारी रिंकू व अन्य की जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल व न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की खंडपीठ ने शुक्रवार को यह आदेश दिया है। याचिकाकर्ता द्वारा आरोप लगाया गया है कि छुट्टा पशुओं के लिए प्रदेश भर में बनाए गए गौ आश्रय केंद्रों के निर्माण से लेकर उसमें जानवरों के रखरखाव तक में बड़े पैमाने पर लूट घसोट की गई है।
- क्रिसमस डे पर FA7IONCART ने किया इंवेट प्रोग्राम
- कायस्थ महोत्सव 12 जनवरी को, जरूर पधारें …
- अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में राजेंद्र कर्ण मनोनीत
- एडीएम नीरज दास की अध्यक्षता में जिला स्थापना दिवस को लेकर बैठक
- जेडीयू नेता राजेश्वर राणा ने तेजस्वी यादव की घोषणा पर बोला हमला
गोवंश आश्रय केंद्रों के निर्माण को में कई बड़े अधिकारियों और ग्राम प्रधानों ने मिलकर बड़ी रकम हड़पने का काम किया है। याचिकाकर्ता ने न्यायालय से यह भी आग्रह किया है कि गौ आश्रय केंद्रों को नियमानुसार बनाया जाए ताकि घूम रहे छुट्टा जानवरों को इसमें उचित व्यवस्था के साथ रखा जा सके व उनके चारे पानी की व्यवस्था हो सके जिससे कि किसानों को हो रहे नुकसान से छुटकारा मिल सके व सरकार के महत्वकांछी फैसले को अमलीजामा पहनाया जा सके।