डेस्क : इंटर-मैट्रिक कॉपी जांच में योगदान नहीं देने वाले शिक्षक निलंबित होंगे। शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अपर मुख्य सचिव ने यह आदेश जारी किया।
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26 फरवरी से आयोजित इंटर कॉपी जांच को लेकर शिक्षा अधिकारियों के साथ ही नियोजन इकाई के अधिकारियों के साथ भी समीक्षा की गई। नियोजन इकाईयों को सख्त आदेश दिया गया कि इसमें किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी। जिन शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पत्र भेजा गया है और इसके बाद भी अगर वे कॉपी जांच या अन्य काम में लगाए जाने पर योगदान नहीं देते हैं तो उन्हें निलंबित करने की कार्रवाई नियोजन इकाई करेंगे।
25 फरवरी को सभी परीक्षकों को योगदान देना है। डीईओ और डीपीओ के साथ ही सभी मूल्यांकन केन्द्र निदेशकों से प्रतिदिन योगदान देने वाले और अनुपस्थित परीक्षकों की रिपोर्ट मांगी गई है।
इंटर की कॉपी जांच के लिए मुजफ्फरपुर में तीन केन्द्रों पर 600 परीक्षक तैनात
इंटर परीक्षा की कॉपी जांच के लिए मुजफ्फरपुर में तीन मूल्यांकन केन्द्र बनाए गए हैं। इसमें एक केन्द्र पर लगभग 200 परीक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इनमें 70 फीसदी शिक्षक अनुदानित और इंटर कॉलेज के हैं। माध्यमिक और प्लस 2 स्कूल के 30 फीसदी शिक्षक ही लगाए गए हैं।
25 फरवरी से ही हाईस्कूल और प्लस 2 स्कूल के शिक्षकों ने भी हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। अनुदानित कॉलेज के शिक्षक भी अपनी मांगों को लेकर कॉपी जांच का बहिष्कार कर रहे हैं। जबकि प्राइमरी और मिडिल स्कूल के शिक्षकों की हड़ताल पहले से ही चल रही है। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में शिक्षकों के हड़ताल पर जाने के निर्णय के बीच वैकल्पिक व्यवस्था की भी बात कही गई है। इसके तहत सेवानिवृत्त शिक्षक भी इस बार कॉपी जांच में लगाए जा रहे हैं।