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अधिवक्ता मणिभूषण ने सीएम नीतीश से की लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाने वाले राजनेताओं के खिलाफ जांच की मांग

पटना (संजय कुमार मुनचुन) : बिहार में एक अधिवक्ता ने लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाने वाले राजनेताओं के खिलाफ जांच करने की मांग को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा।

अधिवक्ता का पत्र पूरे शब्दों के साथ आप भी पढ़ें

मेरा माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीशकुमार जी से नम्र निवेदन है कि ऐसी जो ख़बरें समाचार में चल रही है, कि माननीय शिक्षामंत्री जी के क़रीबी के द्वारा जो लगभग सौ से भी ज़्यादा लोगों को मछली भोज दी गई और जिसमें की कई सरकारी पदाधिकारी भी शामिल थे, जहाँ कि खुलकर लॉकडाउन क़ानून की धज्जियां उड़ाई गयी है । उसकी जाँच किसी सरकारी अधिकारी से न कराए । उसकी जाँच का ज़िम्मा मुझे दे l इस में कोई परेशानी नहींहोनी चाहिये क्योंकि कभी कभी न्यायालयों से भी हम अधिवक्ताओं को जाँच का ज़िम्मा देकर भेजा जाता है । ओर हम कोई राजनीतिक दल से सम्बंध भी नहीं रखते । इसलिए माननीय मुख्यमंत्री को इसमें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

यह कोई साधारण बात नहीं है क्योंकी जब ये काम एक आम आदमी लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए भी ज़रूरत के कार्य से बाहरनिकलता है तो उसे लाठी खाना पड़ता है । तो फिर एक मंत्री और उसका क़रीबी कर्मचारी केवल सरकारी ओर राजनीतिक रसूख़ के कारण लॉकडाउन के क़ानून की धज्जियां उड़ाने के बावजूद भी कैसे बच सकता है ?
उसे बचने नहीं दिया जा सकता । उसे भी वही अंजाम भुगतना पड़ेगा जो कि एक आम आदमी को भुगतना पड़ता है ।

मैं माननीय मुख्यमंत्री जी को चैलेंज करता हूँओ l कि अगर सच में सुशासन की सरकार है तो किसी सरकारी महकमें को जाँच ना देकर l या तो किसी विपक्षी को इसका जाँच का ज़िम्मा दे या फिर मुझे जाँच का ज़िम्मा सौंप दें । क्योंकि जहाँ तक मैं जानता हूँ इतना माननीय मुख्यमंत्रीजी को पता होना चाहिए या फिर किसी सरकारी महकमें को मैं किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ नहीं हूँ । अब मैं अगर माननीय मुख्यमंत्री और इस सरकार की आलोचना भी करता हूँ तो इसके साथ सही कार्यों के लिए तारीफ़ भी करता हूँ । एवं धन्यवाद भी देता हूँl योंकि इस तरह से किसी को केवल राजनैतिक और सरकारी रसूख़ होने की वजह से नहीं छोड़ा जा सकता । जहाँ सौ आदमी जमे हैं उसमें किसी भी एक को तो हो सकता है कोरोना संक्रमण । और ऐसा ही अगर एक आम आदमी अपने यहाँ श्राद्ध कर्म के लिए भी 25 आदमी को बुला रहा है न तो आज की स्थिति में या तो प्रशासन जाके उसका चूल्हा तोड़ती है और खाना फ़ेक्वती हैऔर वही पे माँननीय मंत्री जी श्री क्रिशन नंदन वर्मा जी के क़रीबी पिंटू यादव द्वारा क़रीब सौ से भी जाड़ा जिसने की कई सरकारी अधिकारी भी शामिल होते है उन्हें नई घर की पार्टी समारोह में मछली के भोज पर सभी लॉक डाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए बुलाया जाता है । ओर उस पर कार्रवाई करने की जगह ऑर अधिकारी भोज में शामिल होते हैं l ओर मंत्री जी जाँच की बात कह पल्ला झारते हैं ।

अधिवक्ता प्रताप मणिभूषण (फाइल फोटो)

यह कैसा न्याय है ?

एक तरफ़ श्राद्धकर्म जैसी आवश्यक परंपरागत क्रियाकलापों में भी 10 आदमी को जुटाने की अनुमति नहीं है, और दूसरी तरफ़ केवल सरकारी ओर राजनीतिक रसूख़ होने के कारण मछली पार्टी जैसी शानदार पार्टी नए घर के ख़ुशी में देने के लिए सारी लॉकडाउन एवं क़ानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है ।
सरकारी ओर राजनीतिक रसूख़ रखने वाले लोगों द्वारा लॉकडाउन एवं क़ानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है ।
सुशासन में ऐसा नहीं होना चाहिए । और नाही हम लोग ऐसा होने देंगे लजब आम आदमी भुगतेगा तो ख़ास भी भुगतेगा ।

अगर सच में यह सुशासन की सरकार है तो मैं माननीय मुख्यमंत्रीजी को चैलेंज करता हूँ l कि वह जाँच का ज़िम्मा सरकारी महकमें को नहीं देकर या तो विपक्ष को दें या फिर निष्पक्ष मेरे जैसे आम आदमी को दें ।

हाँ मुझे तो जाँच का अनुभव भी है ही क्योंकि कभी कभी हम लोग न्यायालय के आदेश पर जाँच भी करने जाते हैं।

सरकार को इसकी निष्पक्ष जाँच कराना चाहिए नहीं तो इसमें माननीय न्यायालय से हस्तक्षेप करने की आग्रह करनी चाहिए। जिसके लिए मैं सोच भी रहा हूँ l
धन्यवाद ।

मणिभूषण प्रताप सेंगर ।
जनहित याचिका एक्स्पर्ट अधिवक्ता ।
माननीय पटना उच्च न्यायालय ।

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