Breaking News

‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ योजना को लेकर वित्त मंत्री का ऐलान, मार्च 21 तक 100% नेशनल पोर्टेबिलिटी

डेस्क : सरकार देश में ‘वन नेशन वन कार्ड’ योजना लागू करेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को इसका एलान किया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त पेश करने के दौरान इसका एलान किया.

वन नेशन वन कार्ड का मतलब है कि एक ही राशन कार्ड का इस्तेमाल देश के किसी भी हिस्से में किया जा सकता है. वित्त मंत्री ने कहा कि इस साल अगस्त तक इस योजना को शुरू कर दिया जाएगा. 23 राज्यों के 67 करोड़ लोगों को इसका फायदा मिलेगा. यह पीडीएस के दायरे में आने वाले लोगों का 83 फीसदी है.

कोरोना संकट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त का ब्योरा दिया. निर्मला सीतारमण ने बताया कि यह योजना सार्वजनिक वितरण से जुड़ी 83 फीसदी आबादी को कवर करेगी. वहीं 23 राज्यों में मौजूद 67 करोड़ राशनकार्ड धारक (जो कुल PDS आबादी का 83 फीसदी है) अगस्त, 2020 तक नेशनल पोर्टेबिलिटी के तहत आ जाएंगे. हालांकि, मार्च 2021 से पहले 100 फीसदी नेशनल पोर्टेबिलिटी हासिल कर ली जाएगी. बता दें कि पहले वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को 1 जून 2020 से देशभर में लागू करने की बात कही जा रही थी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज के दूसरे किस्त को लेकर आज कई एलान किए गए। एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना से अगस्त, 2020 तक 23 राज्यों में 67 करोड़ लाभार्थियों को लाभ मिलने की उम्मीद है। प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के जरिए यह संभव होगा। इस योजना के तहत प्रवासी मजदूर देश के किसी भी कोने में जाकर किसी भी राशन दुकान से अपने हिस्सा का राशन किफायती दाम पर खरीद कर सकेंगे।

वित्त मंत्री ने बताया कि 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों की खाद्यान्न की आवश्यकता के लिए 3500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्हें अगले दो महीने तक 5 किलो गेहूं या चावल और एक किलो दाल उपलब्ध कराई जाएगी। जिनके पास खाद्य सुरक्षा कार्ड नहीं है उन्हें भी 5 किलो चावल या गेहूं और एक किलो दाल अगले दो महीने तक उपलब्ध कराई जाएगी। वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लेकर आ रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि कई राज्यों में प्रवासी श्रमिकों को अनाज की जरूरत है। बिना NFSA या स्टेट कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों को प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम निशुल्क अनाज और एक किलोग्राम चना प्रति परिवार प्रति माह के हिसाब से अगले दो माह तक दिया जाएगा। इससे आठ करोड़ प्रवासी श्रमिकों को फायदा होने की उम्मीद है।

Check Also

CIHM :: मिथिला के बच्चों को अंतर्राष्ट्रीय डिग्रियों को प्राप्त करने का सुनहरा अवसर

डेस्क : चाणक्य इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट (सीआईएचएम) हाल ही में यूरोपियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट …

वाचस्पति मिश्र के न्याय दर्शन से मिथिला में बौद्ध दर्शन निष्प्रभावी – शंकर झा

प्रसिद्ध लेखक शंकर झा की कलम से : मिथिला के अद्वैत वेदान्त दर्शन पर बौद्ध दर्शन …

मिथिला विभूति मण्डन मिश्र आदि शंकराचार्य से पराजित नहीं – शंकर झा

प्रसिद्ध लेखक शंकर झा की कलम से : मण्डन मिश्र “पूर्व मीमांसा दर्शन के बड़े प्रसिद्ध …