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मानवता मानव का मूल स्वभाव है, स्वभाव के अनुरूप आचरण मानवता का स्वधर्म : स्वामी भास्कर देव

झंझारपुर मधुबनी संवाददाता(डॉ संजीव शमा): विश्वशांति के अवतरण हेतु मानव जागृति बहुत ही आवश्यक है ।

मानवता मानव का मूल स्वभाव है, स्वभाव के अनुरूप आचरण मानवता का स्वधर्म है । उक्त बातें अध्यात्म, विज्ञान और विश्वशांति को लेकर देश भ्रमण पर निकले स्वामी भास्कर देव वैष्णव ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा । अनुमंडल के चनौरागंज प्लस टू विद्यालय एवं पार्वती लक्ष्मी कन्या विद्यालय झंझारपुर के प्रांगण में महर्षि अरविंद फाउंडेशन द्वारा विज्ञान, अध्यात्म और विश्वशांति को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । इस कार्यक्रम में चनौरागंज विद्यालय के शिक्षक अजय आनंद के साथ-साथ पार्वती लक्ष्मी कन्या विद्यालय के डॉ अनिल ठाकुर, डॉ संजीव, डॉ हरेराम महतो, मोहन कुमार लाल शामिल थे । फाउंडेशन के शांतिदूत स्वामी भास्कर देव वैष्णव ने वक्ता के रूप में शिरकत की । स्वामी भास्कर ने विश्वशांति एवं युग निर्माण क्यों और कैसे विषय पर करीब एक घंटे तक वक्तव्य दिया और अपने वक्तव्य के दौरान छात्र – छात्राओं के सवालों के जवाब भी दिए ।

अध्यात्म विज्ञान विश्वशांति पर वक्तव्य देते हुए स्वामी भास्कर देव वैष्णव

कौन हैं स्वामी भास्कर देव वैष्णव :
स्वामी भास्कर देव शांतिकुंज हरिद्वार स्थित देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में कॉर्डिनेटर के पद पर रहे । रायपुर साइंस कॉलेज छत्तीसगढ़ में भौतिकी विज्ञान के प्राध्यापक रह चुके स्वामी जी ने विश्वशांति अभियान को लेकर बिहार के जिलों में भ्रमण करते हुए आज झंझारपुर पहुंचे थे । मूलरूप से स्वामी जी बालाघाट महाराष्ट्र के रहने वाले हैं । स्वामी जी पिछले 25 साल से साधना में लगे हैं । स्वामी जी देश में भ्रमण करके मानवता और शांति की स्थापना के लिए प्रयासरत हैं । उन्होंने कई राज्यों के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में अपना संदेश दिया है । उन्हें सरकारी और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है । उन्होंने अपील करते हुए कहा कि युग के आह्वान को अनसुना न करें । उन्होंने प्रतिभाओं को महाकाल का आमंत्रण दिया । हाल ही में स्वामी जी ने देश के पूर्वोत्तर भाग के नागालैंड, मिज़ोरम, त्रिपुरा, आसाम, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और अभी बिहार में कई कार्यक्रमों में अपनी बात रखी और परम् पूज्य गुरुदेव आचार्य श्रीराम शर्मा की पुस्तक के संबंध में चर्चाएं की ।

विद्यालय के शिक्षक के साथ स्वामी भास्कर देव

उनके अनुसार मानवता मनुष्य का सबसे पहला धर्म है और मानवता और शांति की स्थापना मानव जाति के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है । साथ ही अपने वक्तव्य के दौरान स्वामी भास्कर ने कहा कि महर्षि अरविंद फाउंडेशन एक ऐसी संस्था है जिसका उद्देश्य मानवता और शांति की संस्कृति को वितरित करते हुए लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है । संस्था कई सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से अपने उद्देश्य के लिए प्रयासरत हैं । फाउंडेशन के द्वारा कई अभियान शिविर के माध्यम से चलाया जा रहा है ।

विद्यालय की ओर से वरीय प्राध्यापक डॉ अनिल ठाकुर ने स्वामी जी एवं कार्यक्रम में उपस्थित आगन्तुक अतिथियों , बच्चों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार प्रकट किया । मौके पर विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक इंदु प्रभा, अजय आनन्द, सीमा कुमारी, शिवानी झा, राधिका कुमारी, लाडली कुमारी, प्रतिमा कुमारी, गुड़िया कुमारी, चांदनी कुमारी लिपिक मुकेश कुमार प्रसाद, सत्यनारायण यादव आदि मौजूद थे ।

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