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नही रहे मैथिली साहित्यकार ‘बटोही’ मिथिला में शोक की लहर।

मैथिली सेनानी चन्द्रशेखर चौधरी ‘बटोही’ के निधन पर साहित्यकारों ने जताया शोक, दी श्रद्धांजलि

झंझारपुर मधुबनी(डॉ संजीव शमा) :
मैथिली भाषा साहित्य के मूर्धन्य विद्वान एवं समाजसेवी चन्द्रशेखर चौधरी ‘बटोही’ का बृहस्पतिवार को 85 वर्ष की उम्र में दरभंगा स्थित आवास पर निधन हो गया। उनके निधन की खबर आते ही मैथिली साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई।

साहित्यकारों ने उनके निधन को मिथिला – मैथिली आन्दोलन के लिए अपूरणीय क्षति बताया । साहित्यकार कवि डॉ.अनिल ठाकुर ने कहा कि उनके निधन से मिथिला – मैथिली के विकास का एक सशक्त हितचिंतक हमसे जुदा हो गया। साहित्य सिनेही आकाशवाणी के गायक काशीनाथ झा किरण ने उनके निधन को एक युग के अवसान सरीखा बताते हुए कहा कि शोक की इस घड़ी में संपूर्ण साहित्य परिवार उनके परिजनों के साथ हैं। वरिष्ठ कवि शंभु सौरभ ने कहा कि मिथिला-मैथिली के विकास में दिए अपने योगदानों के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे।

महाकवि पं.लालदास जयंती समारोह समिति के महासचिव भागीरथ दास एवं अध्यक्ष अनुप कश्यप ने उन्हें मिथिला-मैथिली के विकास का प्रबल पैरोकार बताया । साहित्य सेनानी डॉ चन्द्रशेखर चौधरी ‘बटोही’ के निधन पर साहित्यकार डॉ अनिल ठाकुर , मलयनाथ मिश्र मंडण, डॉ संजीव शमा, गौतम झा, दिनेश झा, अखिलेश कुमार झा, गौरीशंकर साह, शंभु सौरभ, काशीनाथ झा किरण, अमरकांत लाल आदि ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की ।

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