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महीने बीत गए मगर माल पुलिस को नहीं मिला लापता 15 वर्षीय किशोरी का कोई सुराग

माल / लखनऊ (राम किशोर रावत) : माल इलाके के एक गांव में एक गत तीन मार्च को 15 वर्षीय किशोरी को गांव के ही आधा दर्जन लोगों ने पुरानी रंजिश मानकर सीतापुर जनपद के एक गांव निवासी युवक के साथ भगा दिया था। किशोरी की मां की तहरीर पर माल पुलिस ने मुकदमा तो पंजीकृत कर लिया था लेकिन 1 माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी माल पुलिस किशोरी का पता नहीं लगा सकी। वहीं न्याय के लिए दर-दर भटकते मा देखी जा रही है। माल इलाके के एक गांव में गत 3 मार्च को 15 वर्षीय किशोरी को गांव के ही जगदीश राजेश महेंद्र रजनेश मिथिलेश जय देवी सुमन अभिषेक ने पुरानी रंजिश को मानकर सीतापुर जनपद के इसरोली गांव निवासी कृष्णा कोरी के साथ बहला-फुसलाकर भगा दिया था।जो साथ में ₹50000 भी ले कर चली गई जो पैसे इलाज के लिए रखे थे। जिसकी शिकायत किशोरी की मां ने माल थाने पर की थी पुलिस ने 8 लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर लिया था। लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी माल पुलिस किशोरी का कोई सुराग नहीं लगा सकी। जबकि किशोरी की मां का आरोप है कि माल पुलिस नामजद लोगों को थाने पर बुलाकर शाम होने से पहले छोड़ दिया जाता है। और पिता के ऊपर समझौता करने का बना रहे दबाव। वहीं किशोरी की मां न्याय के लिए उच्च अधिकारियों के चोखट पर अपना माथा कई बार टेक चुकी है लेकिन नतीजा सिर्फ सिफर ही देखने को मिला।एक माह बाद भी माल पुलिस 15 वर्षीय किशोरी का नहीं लगा सकी सुराग माल लखनऊ राम किशोर रावत माल इलाके के एक गांव में एक गत तीन मार्च को 15 वर्षीय किशोरी को गांव के ही आधा दर्जन लोगों ने पुरानी रंजिश मानकर सीतापुर जनपद के एक गांव निवासी युवक के साथ भगा दिया था। किशोरी की मां की तहरीर पर माल पुलिस ने मुकदमा तो पंजीकृत कर लिया था लेकिन 1 माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी माल पुलिस किशोरी का पता नहीं लगा सकी। वहीं न्याय के लिए दर-दर भटकते मा देखी जा रही है। माल इलाके के एक गांव में गत 3 मार्च को 15 वर्षीय किशोरी को गांव के ही जगदीश राजेश महेंद्र रजनेश मिथिलेश जय देवी सुमन अभिषेक ने पुरानी रंजिश को मानकर सीतापुर जनपद के इसरोली गांव निवासी कृष्णा कोरी के साथ बहला-फुसलाकर भगा दिया था।जो साथ में ₹50000 भी ले कर चली गई जो पैसे इलाज के लिए रखे थे। जिसकी शिकायत किशोरी की मां ने माल थाने पर की थी पुलिस ने 8 लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर लिया था। लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी माल पुलिस किशोरी का कोई सुराग नहीं लगा सकी। जबकि किशोरी की मां का आरोप है कि माल पुलिस नामजद लोगों को थाने पर बुलाकर शाम होने से पहले छोड़ दिया जाता है। और पिता के ऊपर समझौता करने का बना रहे दबाव। वहीं किशोरी की मां न्याय के लिए उच्च अधिकारियों के चोखट पर अपना माथा कई बार टेक चुकी है लेकिन नतीजा सिर्फ सिफर ही देखने को मिला।

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