डेस्क : मुजफ्फरपुर जिले के थानों और ओपी में अब महिला सिपाही भी थाना मैनेजर की जिम्मेदारी निभाएंगी। उन्हें भी शीघ्र ही इस पद पर तैनात किया जाएगा।
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वर्तमान में चार थानों व ओपी में यह पद रिक्त है। इसमें नगर, कटरा, फकुली ओपी और मीनापुर थाना शामिल है। यहां के थाना मैनेजर को फिलहाल लाइन में वापस बुला लिया गया है। अब रिक्त पदों पर महिला सिपाहियों की तैनाती की कवायद शुरू की गई है।
हाल में राज्य स्तर पर महिला सिपाहियों की बहाली हुई है। ये शीघ्र ही प्रशिक्षण से लौटने वाली हैं। योगदान के बाद उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। इनकी क्षमता का आकलन वरीय पदाधिकारी करेंगे। अगर वे थाना मैनेजर पद के योग्य पाई गई तो उनकी तैनाती की जाएगी।
ओपी समेत 40 थानों में थाना मैनेजर के पद पर पहले तैनाती की गई थी। पुलिस मुख्यालय के आदेश पर थानों में व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए थाना मैनेजर की तैनाती की गई थी। उन्हें थाना में प्रबंधन का कार्य देखने और इसे पूरा करने का जिम्मा सौंपा गया था। जिले में अब तक पुरुष सिपाही ही इस पद पर तैनात थे। लेकिन, यह व्यवस्था अब बदलने वाली है।
थाना मैनेजर के जिम्मे कई तरह के काम दिए गए हैं। इसमें मुख्य रूप से थाना में चलने वाली वाहनों का रखरखाव और ईंधन, जब्त वाहनों की व्यवस्था, हाजत में बंद आरोपितों के खान-पान से लेकर सोने तक की व्यवस्था और आगंतुकों की समस्या को सुनना। इसके अलावा जब्त सामान के रखरखाव की समुचित व्यवस्था करनी है, ताकि वे समय पर मिल सकें। अक्सर जब्त सामान के थाने से गुम होने के मामले सामने आते हैं। कागजातों का रखरखाव भी मैनेजर के जिम्मे है। साथ ही प्रबंधन से जुड़े कई ऐसे ही कार्य दिए गए हैं।
अगर कोई पीडि़त अपनी समस्या लेकर थाने पर पहुंचता है तो थाना मैनेजर उससे जानकारी लेंगे। किसी पुराने केस में अगर वह जांचकर्ता से मिलना चाहता हो या केस का स्टेटस देखना चाहता हो तो मैनेजर संबंधित पदाधिकारी तक पहुंचाएंगे। पासपोर्ट सत्यापन से लेकर चरित्र प्रमाण पत्र के लिए आने वाले आवेदक को मुंशी तक पहुंचाने का जिम्मा उन्हें सौंपा गया है।
इस बारे में मुजफ्फरपुर एसएसपी जयंत कांत ने कहा कि थाना मैनेजर एक पद है, जिस पर कोई प्रतिबंध नहीं है कि महिला सिपाही होंगी या पुरुष। जिन थानों में रहने की व्यवस्था अच्छी होगी। वहां पर महिला सिपाही की तैनाती थाना मैनेजर के पद पर हो सकती है।