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गर्व :: पीएम मोदी ने झंझारपुर के इस गांव का ‘मन की बात’ में किया जिक्र, कचरे से कमाई का सुखेत मॉडल की देशभर में चर्चा

डेस्क : बिहार के मधुबनी जिले का सुखेत गांव देश में चर्चा में है। रविवार को मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस गांव में चल रहे कचरा प्रबंधन की काफी तारीफ की। यह गांव जिले के झंझारपुर अनुमंडल में स्थित है जहां कचरे से कमाई का सुखेत मॉडल अपना कर लोग बेकार की चीजों से कमाई कर रहे हैं।

Swarnim Times

पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात में देश भर के पंचायतों में सुखेत मॉडल अपनाए जाने की अपील की है। पीएम ने कहा कि सुखेत गांव के ग्रामीण इस मॉडल को अपना कर चार प्रकार से लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इस मॉडल से स्वच्छ भारत अभियान में गांव वालों की भागीदारी सुनिश्चित हो रही है, गांव को गंदगी से मुक्ति मिल रही है, गृहिणियों को घरेलु गैस सिलेन्डर के लिए रुपये मिल रहे हैं और किसानों को वर्मी कम्पोस्ट मिल रहा है।

दरअसल पिछले फरवरी महीने में डॉ राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा और कृषि विज्ञान केन्द्र की मदद से झंझारपुर के सुखेत गांव में कचरा प्रबंधन की एक योजना शुरु की गयी जिसे नाम दिया गया कचरे से कमाई। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने इस योजना की शुरुआत की। इसके तहत विश्वविद्यालय द्वारा ग्रामीणों को अपने घर का गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखने के लिए हरा और नारंगी रंग का डस्टबिन दिया गया। विश्वविद्यालय द्वारा घर घर जाकर जमा कचरे का उठाव कराया जाता है और इन कचरों से वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जाता है। इस प्रकार से तैयार वर्मी कम्पोस्ट की मार्केटिंग की जाती है जिसका लाभ ग्रामीणों को दिया जाता है।

Sukhait Madhubani

गांव के किसान कृषि विश्वविद्यालय से वर्मी कम्पोस्ट प्राप्त करते हैं और अपने खेतों से अच्छी उपज हासिल करते हैं। डॉ राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय ने इस मॉडल को गांव के नाम पर सुखेत मॉडल नाम दिया है।इस योजना में गांव के 15 लोगों को रोजगार भी मिला है और योजना में शामिल परिवारों को दो माह पर एक गैस सिलिन्डर दिया जा रहा है। इसकी एक विशेषता यह भी है कि सिलेन्डर की खरीद में प्राप्त सब्सिडी के रुपये भी लाभूकों को ही मिलते हैं।

Narendra Modi Prime Minister of India

अपने मन की बात के आज 29 अगस्त के एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जमकर तारीफ किया है। पीएम कहते हैं कि सुखेत मॉडल आत्मनिर्भरत और स्वावलंबन का मॉडल है जिसके कई फायदे हैं। गांव में साफ-सफाई रहने से लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहेगा, महिलाओं को मुफ्त घरेलु गैस मिलेगा और किसानों को उत्तम खेती के लिए जैविक खाद मिलेगा। इसलिए देश के हर पंचायत में सुखेत मॉडल को अपनाया जाना चाहिए। पीएम द्वारा मन की बात में गांव का जिक्र किए जाने से गांव के लोग काफी खुश हैं।

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