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बीकेटी क्षेत्र में धधक रही कच्ची शराब की भट्ठियां

तो क्या ? मौतों के इंतजार में रहती है निरंकुश नौकरशाही

  • प्रदेश में मौत का तांडव के बाद पुलिसिया कार्यवाही का नाटक
  • व्यवसायिक रूप से हो रहा कच्ची शराब का धंधा

बीकेटी/लखनऊ (राज प्रताप सिंह) : शाम ढलते ही राजधानी के बख्शी का तालाब तहसील क्षेत्र के अनेक गांवों में शराब की महफिल सजने लगती है। इस कार्य में स्थानीय पुलिस का भरपूर सहयोग रहता है।इसी का फायदा उठाकर कच्ची शराब बनाने वाले शराब माफिया सक्रिय रहते हैं।

शराब पीने के आदी लोग सस्ती शराब खरीदने के लालच में अपनी जान गवां बैठते हैं और जिम्मेदार अधिकारी तब तक कोई प्रभावी कार्यवाही करने का नाम नहीं लेते जब तक कि कोई बड़ा हादसा नहीं हो जाता आबकारी विभाग के अधिकारियों की नाकामी का फायदा उठाकर कच्ची शराब कारोबारी मालामाल हो रहे हैं। और शराब पीने वाले अपनी जान गंवा बैठते हैं मालूम हो कि गन्ना का पेराई सत्र प्रारंभ होने से पूर्व ही कच्ची शराब बनाने वालों का धंधा जोरों पर शुरू हो जाता है। इस ग्राम उद्योग को रोक पाने में आबकारी विभाग पूरी तरह से फेल हो गया है कागजों पर कच्ची शराब बेचने पर रोक लगाने का आंकड़ा बनाने में माहिर जिम्मेदार विभाग मलाई काट रहा है वही शराब के शौकीन अपनी शौक के चलते अपनी जिंदगी बर्बाद करने को मजबूर हैं

राजधानी के कई थाना क्षेत्रों में इस समय शराब की धरपकड़ जारी है। लेकिन आबकारी विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है शायद विभाग का यही मानना है कि जब तक कोई बड़ा हादसा नहीं होगा तब तक हम कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं करेंगे सरकार कितना भी प्रयास में न कर ले अधिकारी है जो सुनाने का नाम नहीं ले रहे हैं

  • नाकाम आबकारी विभाग

लकड़ी का कच्ची शराब पर रोक लगाने में आबकारी विभाग फेल हो चुका है विभाग के सूत्रों ने बताया कि नकली शराब रोकने के लिए अभियान तो चलाया जाता है लेकिन सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह जाता है सही मायने में विभाग के पास कोई छोड़ संसाधन नहीं है जिससे नकली शराब बनाने वालों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके विभाग के पास न तो इसके लिए पर्याप्त वाहन है और ना ही हथियार जिससे वह दबिश के दौरान अपनी हिफाजत कर सके इसके साथ ही विभाग के पास सुरक्षाकर्मी भी नहीं है कि वह निरंतर दबिश देने का कार्य कर सकें लाचार कानून भी शराब माफियाओं के लिए काफी मददगार साबित होता है आबकारी एक्ट की धारा इतनी मामूली है कि पकड़े जाने पर शराब माफिया मौके पर ही जमानत पर छूट जाता है।

  • कच्ची शराब की होम डिलीवरी

कच्ची शराब बनाने वालों के कारोबार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नकली व कच्ची शराब की खपत के लिए ग्राहकों को इस की होम डिलीवरी भी की जा रही है सूत्रों के मुताबिक सारा खेल फोन के माध्यम से हो रहा है फोन पर ही ऑर्डर बुक कर लिया जाता है और डिमांड के मुताबिक शराब तैयार कर ग्राहक तक पहुंचा दी जाती है।

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