Breaking News

वन माफिया व लकड़ी तस्करों की ऐश प्रशासन को कैश, दिनदहाड़े हरे-भरे व प्रतिबंधित पेड़ों की कटाई

माल/लखनऊ (रामकिशोर रावत) : जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर वृक्षारोपण कराया जाता है वहीं माल क्षेत्र में पुलिस व वन विभाग की मिलीभगत के चलते लकड़ी माफियाओं द्वारा खुलेआम चलाया जा रहा हरे भरे वृक्षों पर आरा। जिम्मेदार जानबूझकर बन रहे अनजान।

माल इलाके के अमलौली गांव निवासी अमित सिंह के 30 पेड़ कलमी आम के व सियाराम यादव जगदीशपुर के 35 पेड़ कलमी आम सेम्मा जगदीशपुर निवासी के सात पेड़ लकड़ी माफियाओं द्वारा खुलेआम दिनदहाड़े चलाया गया आरा ।

इस लकड़ी को इन लकड़ी ठेकेदारों द्वारा डाला व ट्रैक्टर ट्राली में लादकर सुनसान जगह पर डाली जाती है जिसके बाद बड़ी मोटर गाड़ियों में लादकर लखनऊ सहित अन्य जनपदों में लकड़ी बेची जाती है यह लकड़ी रोड पर से पुलिस चौकी व थाने के सामने से निकल कर मंडी तक पहुंचती है। रास्ते में सुविधा शुल्क देते हुए चले जाते हैं लकड़ी माफिया। इतना ही नहीं रोड पर भी गाड़ी निकालने का भी सुविधा शुल्क वन विभाग के अधिकारी लेते हैं।

वन विभाग के जिम्मेदार जानबूझकर बने रहते हैं अनजान
इन हरे-भरे पेड़ों की देखरेख की जिम्मेदारी वन विभाग के अधिकारियों की होती हैं। इसके बावजूद भी यही वन विभाग के जिम्मेदार सुविधा शुल्क लेकर हरे भरे प्रतिबंधित पेड़ जैसे शीशम नीम कलमी आम देसी सागवान जैसे हरे-भरे प्रतिबंधित पेड़ों को इन वन विभाग के अधिकारियों के रहमों करम पर लकड़ी माफियाओं द्वारा हरियाली पर चलाया जा रहा आरा। शिकायत होने पर यह वन विभाग के अधिकारी ठेकेदार को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। कुछ पेड़ों पर जुर्माना करने के बाद वाहवाही लूट लेते हैं और कार्यवाही करने का राग अलापने लगते हैं वन विभाग के अधिकारी ऐसा लगता है कि रक्षक ही बन रहे हैं भक्षक तो कौन करेगा हरे-भरे वृक्षों की रखवाली।

सूत्रों के अनुसार माल थाना क्षेत्र में कुल 5 हल्का है जिसमें 5 सिपाही कार खास के नाम से जाने जाते हैं इन सिपाहियों के द्वारा कहीं पर भी क्षेत्र में चाहे अवैध कटान हो या अवैध खनन हो जुआ व कच्ची शराब का व्यवसाय में पूरी तरह से यह सलिप्त होते देखे जा रहे हैं। इन कारखानों द्वारा क्षेत्र में लकड़ी माफियाओं से सुविधा शुल्क वसूलने के बाद खुलेआम हरियाली पर आरा चलाने में पूरा सहयोग इनका रहता है किसी भी लकड़ी की शिकायत अगर उच्च अधिकारियों के पास हो भी गए तो कुछ लकड़ी थाने लाकर मुकदमा लिख दिया जाता है यह भी कार्यवाही का ढिंढोरा पीटने लगते हैं जैसा कि साफ देखा जाता है कि यह पुलिस विभाग भी अवैध कार्यों में पूरी तरह से संलिप्त रहती है।

Check Also

चंबल वैली में मैराथन प्रतियोगिता का होगा विशाल आयोजन

-कभी दस्यु सम्राटों की रही क्रीड़ा स्थली अब प्रतिभागियों की बनेगी क्रीडा स्थली -चंबल वैली …

विश्व हिंदी दिवस 2021: हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए इन महान साहित्यकार ने किया था संघर्ष

-10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत के तत्कालीन …

अब पेट्रोल पंपों से भी मिलेगा “छोटू” सिलेंडर

– छोटे उपयोगकर्ताओं के लिए कम कम औपचारिकता का कनेक्शन– 5 किलो वाला एलपीजी सिलेंडर …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *