सौरभ शेखर श्रीवास्तव की स्पेशल रिपोर्ट : बिहार में शराबबंदी सख्ती से लागू है लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से शराब का कारोबार बंद नहीं हो रहा है। ऐसे ही एक मामले में उत्पाद अधीक्षक, एसएसपी समेत 4 अफसरों को विशेष उत्पाद कोर्ट में सदेह हाजिर होना पड़ रहा है।
पटना हाईकोर्ट के आदेश से एक मामले में लापरवाही पर विशेष उत्पाद कोर्ट प्रथम ने मुजफ्फरपुर एसएसपी, डीटीओ, उत्पाद अधीक्षक व वाणिज्य कर विभाग के प्रभारी अधिकारी को सदेह तलब किया है। चारों अधिकारियों को विशेष उत्पाद कोर्ट प्रथम के समक्ष सुबह दस बजे हाजिर होकर अपना पक्ष रखना होगा।
हाईकोर्ट ने मीनापुर के शराब माफिया उमेश सहनी के खिलाफ शराब बरामद मामले में छह माह में ट्रायल निपटाने का निर्देश दिया था। अधिकारियों की ओर से समय से साक्ष्य व गवाह प्रस्तुत नहीं किए जाने पर तय समय में ट्रायल पूरा नहीं हो सका। इससे उमेश सहनी को हाईकोर्ट से बेल मिल गई। इसपर हाईकोर्ट ने चारों अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए सख्त टिप्पणी की है।
विशेष उत्पाद कोर्ट के समक्ष अधिकारियों के दिए गए जवाब चार अप्रैल तक हाईकोर्ट को भेजे जाएंगे। हाईकोर्ट ने इस संबंध में एसएसपी को डीजीपी, उत्पाद अधीक्षक, वाणिज्यकर अधिकारी व डीटीओ को विभागीय प्रधान सचिव को जवाब देने का निर्देश दिया है।
एसएसपी व उत्पाद अधीक्षक पर तय समय से गवाह व साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करने, डीटीओ को ट्रक के कागजात नहीं देने और वाणिज्य कर अधिकारी को जीएसटी के तहत ई वे बिल निर्गत करने के संबंध में तलब किया गया है।
ये है पूरा मामला
हथौड़ी पुलिस की टीम ने 16 जुलाई 2020 को माधोपुर में छापेमारी कर मीनापुर के डुबरबन्ना निवासी उमेश सहनी को शराब लोड ट्रक के साथ गिरफ्तार किया था। मौके से उसके पांच साथी फरार हो गए थे। उत्तराखंड से निबंधित ट्रक से कुल पांच हजार 499 बोतल विदेशी शराब बरामद की गई। शराब हरियाणा से मंगाई गई थी। आरोपित की ओर से स्थानीय कोर्ट के बाद हाईकोर्ट में बेल अर्जी दाखिल की गई।