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चिकित्सीय उपचार के दौरान घायल नील गाय की हुई मौत|

अड़रिया गांव के तालाब में ग्रामीणों ने नील गाय को देखा

झंझारपुर मधुबनी(डॉ. संजीव शमा) : अनुमंडल के अड़रिया गांव के नव दुर्गा मंदिर के पश्चिम कनवाही पोखरा की ओर सुबह टहलने गये लोगों की नजर एक घायल नील गाय पर पड़ी । ग्रामीण गौतम झा ने प्रेस को बताया कि लोगों ने गुरुवार की सुबह एक नील गाय को दुर्गा मंदिर के पीछे तालाब में तैरते हुए देखा।

ग्रामीणों ने काफी मशक्कत कर उसे बांस में रस्सी से बांध कर बाहर निकाला । सूचना मिलते ही अड़रिया संग्राम ओपी पुलिस वहां पहुंची। ओपी प्रभारी जीतेन्द्र सहनी ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर झंझारपुर से वन विभाग के कर्मचारी भी दोपहर में वहां पहुंचे। उनकेे साथ पहुंचे मवेशी चिकित्सक ने घायल नील गाय का उपचार शुरू किया।चिकित्सीय उपचार के दौरान घायल नील गाय की मौत हो गई। मौके पर ग्रामीण अविनाश झा,राजकुमार झा राजा, चंदन झा, राजेश झा आदि मौजूद थे । जानकारी हो कि नीलगाय एक शाकाहारी जंगली जानवर है।

अनुमंडल के आसपास प्राकृतिक तौर पर इनका शिकार न होने के कारण इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। इनकी संख्या बढ़ने का दूसरा कारण यह है कि नीलगाय साल में एक बार प्रजनन करती हैं और एक बार में दो बच्चों को जन्म देती हैं। जिससे क्षेत्र के कई गांवों के किसान इसके उत्पात से परेशान हैं। किसानों एवं ग्रामीणों द्वारा नील गाय के उत्पात से बचाने के लिए वन विभाग और प्रशासन के अफसरों को कई बार आवेदन भी दिया गया है , लेकिन प्रशासन द्वारा इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई ।

सिविल कोर्ट के अधिवक्ता कृष्णदेव महतो ने पूछने पर बताया कि अगर कोई व्यक्ति नीलगाय का शिकार करता है या उसे मारता है, तो उसके खिलाफ वन्य प्राणी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। इस अधिनियम में सात साल तक की सजा का प्रावधान है।

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