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झोलाछाप डॉक्टरों का मकड़जाल, मरीजों की ज़िंदगी से खिलवाड़

  • मलिहाबाद व रहीमाबाद क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों का फैला मकड़जाल 
  • मरीजो की ज़िंदगी के​ साथ खुलेआम हो रहा खिलवाड़, जिम्मेदार मौन 

मलिहाबाद/लखनऊ (कमलेश वर्मा) : गर्मी का मौसम शुरू होते ही काफी मात्रा में मच्छरों का प्रकोप व्याप्त हो गया है। जिससे बुखार जैसी बीमारियों ने लोगों को जकड़ना शुरू कर दिया है। इसी का फायदा उठाते हुए मलिहाबाद व रहीमाबाद इलाके में झोलाछाप डॉक्टर जगह जगह अपनी दुकानें सजाकर बैठ गए हैं और इलाके की भोली भाली जनता को इलाज के नाम पर मनमाने तरीके से पैसा वसूल रहे हैं। साथ ही ग्रामीण इलाको के नौजवानों बच्चों व बूढ़ों के स्वास्थ्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ कर रहे हैं। जबकि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार इन झोलाछाप डॉक्टरों पर किसी प्रकार की कायर्वाही करने से बच रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार मुख्यतः मलिहाबाद कस्बे सहित क्षेत्र के महमूद नगर, सहिलामऊ, हसनापुर पुलिया, कसमण्डी कलां, अमानीगंज, सिंधरवा,खड़ता चौराहा,नबीनगर व रहीमाबाद सहित गढ़ी जिन्दौर, बांकीनगर,जौरिया,रुसेना,ससपन,अनीपुर,गुलरहिया जैसे इलाके में दर्जनों गांव के डॉक्टरों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जिससे इन झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मरीजों को स्वयं की दवाइयां महगे दामों पर दी जाती है। जिसका मरीजों को कोई लाभ नहीं मिल पाता है। इन झोलाछाप डॉक्टरों के चंगुल में फंस कर कई लोग तो काल के गाल में समा चुके हैं ।जबकि इन झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा गर्भवती महिलाओं को मुख्य निशाना बनाते हैं ।जिनसे डिलीवरी व गर्भपात के नाम पर अपनी मनमानी तरीके से महिलाओं से पैसा वसूला जाता है।इन डॉक्टरों के पास न कोई डिग्री और न कोई स्वास्थ संबंधित सुविधा उपलब्ध नहीं होती है। इन झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा ग्रामीण इलाके की जनता को बड़ी बीमारी बता कर जनता से मनचाहे तरीके से हजारों रुपए वसूले जाते हैं। इन डॉक्टरों के यहां नकली कंपनियों की दवाइयां एंटीबायोटिक दवाइयां मोटी रकम लेकर मरीजों को दी जाती है। अगर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी समय रहते इन झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई तो किसी भी समय मरीजों को बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। कुछ माह पूर्व में झोलाछाप डॉक्टरों के यहां छापेमारी की गई थी ।जिन डॉक्टरों के पास न कोई क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन मिला था न ही कोई डिग्री थी इसके बाद भी उनके खिलाफ कार्यवाही करना उचित नहीं समझा। ऐसा लगता है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन झोलाछाप डॉक्टरों को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है । इन झोलाछाप क्लीनिकों के यहां दर्जनों मरीजों की भीड़ लगी रहती है। इनको सिर्फ पैसे से लेना देना रहता है न की मारीज के लाभ होने से आखिर क्या वजह है कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करने से कतराते हुए नजर आ रहे हैं।

सूत्रों की माने तो इन झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा जिम्मेदारों को महीने में सुविधा शुल्क दिया जाता है इसीलिए स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार कार्यवाही करने से पीछे हटते नजर आ रहे हैं। इससे ऐसा लगता है कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार छापेमारी करने के बाद सिर्फ सुविधा शुल्क वसूल कर अपनी जेबे भरने का काम करते हैं छापेमारी करने के बाद भी मलिहाबाद व रहीमाबाद क्षेत्र में एक भी झोलाछाप डॉक्टर का क्लीनिक बंद नहीं कराया जा सका जिसके चलते झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले बुलंद होते देखे जा रहे हैं।इस सम्बन्ध में सीएचसी अधीक्षक डॉ अवधेश से जानकारी के लिए फोन मिलाया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नही किया।

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